राजस्थान के 21 जिलों में जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव नतीजे आ चुके हैं। इन चुनाव परिणामों ने भाजपा को 13 जिला परिषद में बढ़त दिलाई है, जबकि कांग्रेस पांच जिला परिषदों में ही अपना रुतबा कायम रख सकी है। इन 21 जिलों की 222 पंचायत समितियों में भी भाजपा भारी रही है। कांग्रेस को 81 जबकि भाजपा को 93 पंचायत समितियों में बहुमत मिला है। सत्ता के साथ चलने वाले इन चुनावों में माना जा रहा था कि कांग्रेस भारी रहेगी, लेकिन मतगणना के बाद आए नतीजों ने पूरा समीकरण ही बदल कर रख दिया है।
चुनाव परिणाम के बाद देर रात तक कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई। जबकि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राजस्थान प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने भाजपा को विजय दिलाने के लिए प्रदेश की जनता का धन्यवाद दिया। उन्होंने जीत के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का अभिनंदन किया और विजयी उम्मीदवारों के साथ ही राजस्थान भाजपा की टीम को बधाई दी। जबकि पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि यह परिणाम कांग्रेस सरकार के झूठ व अहंकार की पराजय है।
भाजपा की जीत केंद्र की मोदी सरकार पर जनता के विश्वास की विजय है। वहीं, केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मतदाताओं का आभार जताया। उन्होंने इस जीत को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम का परिणाम बताते हुए कहा कि प्रत्याशियों ने जो कहा है वह करेंगे।
राजस्थान के 21 जिलों की कुल 222 पंचायत समितियों में चुनाव हुआ। इनमें से 93 में भाजपा को बहुमत मिला, जबकि 81 में कांग्रेस बहुमत पर रही। 42 ऐसी पंचायत समिति है, जहां पर किसी को बहुमत नहीं मिला। साथ ही पांच पंचायत समितियों में अन्य दलों ने कब्जा जमाया।
भाजपा को बूंदी, झालावाड़, भीलवाड़ा, पाली, अजमेर, टोंक, उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, चूरू, जालौर, सीकर, झुन्झुनू में बहुमत मिला है। जबकि कांग्रेस को हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, जैसलमेर, बांसवाड़ा और बीकानेर में बहुमत हासिल हुआ है। वहीं, बाड़मेर, डूंगरपुर और नागौर में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है।
झुंझुनू में आजादी के बाद पहली बार भारतीय जनता पार्टी का बोर्ड बनेगा। झुंझुनू जिला परिषद के 35 वार्डो में भाजपा को 20, कांग्रेस को 13 सीटें मिली है। जबकि दो निर्दलीय यहां से जीते हैं। इससे पहले लगातार कांग्रेस का बोर्ड ही झुन्झुनू में बनता आया है।