बिहार के बाद ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव में भी कांग्रेस की करारी हार हुई है। यहां कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों पर जीत नसीब हुई। वहीं बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन के चलते निगम चुनाव के त्रिशंकु नतीजे आए है। इस पर कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने ट्वीट करके कहा है कि हैदराबाद नगर निगम के परिणाम त्रिशंकु आए हैं। अकेले निगम बनाने में कोई सक्षम नहीं है। बेहतर तो यही होगा ओवैसी की एमआईएमआईएम और बीजेपी मिल कर निगम बनाए क्योंकि दोनों वैचारिक रूप से एक ही हैं। जब कश्मीर में महबूबा मुफ़्ती के साथ बीजेपी सरकार बना सकती है तो एमआईएम से साथ क्या परेशानी ?
हैदराबाद कांग्रेस के लिए निराशाजनक रहे चुनाव परिणामों पर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख एवं सांसद एन उत्तम कुमार रेड्डी ने यह घोषणा की कि उन्होंने प्रदेश कांग्रेस समिति प्रमुख पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया है। रेड्डी ने कहा कि उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से नया प्रदेश अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा था।
ग्रेटर हैदराबाद निगम चुनाव (जीएचएमसी) में बीजेपी ने 12 गुना लंबी छलांग लगाते हुए 48 सीट पर कब्जा कर लिया जिससे त्रिशंकु की स्थित बन गई है। सत्ताधारी टीआरएस पार्टी 99 से लुढ़क कर 55 सीट पर सिमट गई, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम 44 सीट जीतकर तीसरे स्थान पर रही। कांग्रेस को महज दो सीट से संतोष करना पड़ा।
इसके पहले हुए जीएचएमसी चुनाव में बीजेपी को महज चार सीट से संतोष करना पड़ा था। लेकिन इस बार भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी जिसके कारण उसे 12 गुना बढ़त हासिल हुई। सत्तारुढ़ टीआरएस पार्टी 55 वार्ड में जीत दर्ज कर भले ही सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी हो, लेकिन उसके हाथ से मेयर की कुर्सी निकल सकती है। 1 दिसंबर को कुल 150 सीट के लिए चुनाव हुए थे, लेकिन केवल 149 सीट के नतीजे जारी किए। एक नेरेडमेट वार्ड की मतगणना पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है।
उल्लेखनीय है कि 2016 के निगम चुनाव में टीआएस ने 150 वार्डों में 99 सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव परिणाम में भाजपा टीआरएस की मुख्य प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी है, हालांकि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी, टीआरएस अपने प्रतिद्वंद्वियों से अब भी आगे है और भगवा पार्टी को अच्छी खासी संख्या में मिली सीटों से अगले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा।
बीजेपी के बेहतरीन प्रदर्शन पर पार्टी के प्रदेश प्रमुख बी संजय कुमार ने कहा था कि यह एक ‘भगवा हमला’ है जिसमें मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में विश्वास जताया है और टीआरएस के खिलाफ वोट दिया। भगवा पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में चार सीटें जीती थी और फिर दुब्बाक विधानसभा उपचुनाव में उसने सत्तारूढ़ दल को शिकस्त दी थी।
बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में अपनी संभावना मजबूत करने के लक्ष्य से जीएचएमसी चुनाव में जीत हासिल करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनाव प्रचार के लिए उतारा था। भूपेंद्र यादव ने दिल्ली में कहा कि भाजपा के प्रदर्शन ने इस बात की पुष्टि की है कि वह टीआरएस को मुख्य चुनौती देने वाली पार्टी के तौर पर कांग्रेस की जगह ले रही है। भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में चार सीटों पर जीत दर्ज की थी।
हैदराबाद में स्थानीय चुनावों के लिए प्रभारी नियुक्त किए गए भूपेंद्र ने कहा था कि चुनाव परिणाम बहुत ही उत्साहवर्द्धक हैं, भाजपा का मनोबल बढ़ाने वाले हैं तथा एक तरह से यह पार्टी के लिए नैतिक जीत है। (चुनाव) परिणाम से यह प्रदर्शित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व और सुशासन के उनके मॉडल की सभी क्षेत्रों में स्वीकार्यता है। वहीं असदुद्दीन ओवैसी नीत एआईएमआईएम ने अपने परंपरागत गढ़ हैदराबाद के पुराने शहर में दमदार प्रदर्शन किया है।