राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने सोमवार को कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार का हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बिलों को जल्दबाजी में पास किया, जिसकी वजह से अब दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पवार ने कहा कि अगर जल्द हालात ठीक नहीं होते हैं तो फिर आंदोलन में पूरे देश कि किसान शामिल हो जाएंगे।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कृषि कानूनों पर हो रहे किसान आंदोलन पर कहा, ”पंजाब और हरियाणा के किसान गेहूं और धान के मुख्य उत्पादक हैं, और वे विरोध कर रहे हैं। अगर जल्द ही स्थिति का हल नहीं किया गया, तो देशभर के किसान उनके साथ जुड़ जाएंगे।”
शरद पवार ने कहा कि जब बिल पारित किया जा रहा था, हमने सरकार से अनुरोध किया कि वे जल्दबाजी न करें, इसे सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए और चर्चा की आवश्यकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और विधेयक जल्दबाजी में पारित किया गया। अब सरकार को जल्दबाजी के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।”
बता दें कि कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर 26 नवंबर से हजारों किसान डटे हुए हैं। वे सरकार से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, किसानों का कहना है कि एमएसपी को कानून बनाया जाए। कई राउंड की बैठक के बाद भी कोई ठोस हल नहीं निकल सका है। कानूनों के विरोध में किसान 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ करने जा रहे हैं।
8 दिसंबर को होने वाले ‘भारत बंद’ को कई विपक्षी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया था। नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वे आठ दिसंबर को भारत बंद करेंगे। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, टीआरएस ने किसानों का समर्थन करते हुए ‘भारत बंद’ को सपोर्ट दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने 8 दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करने का फैसला किया है। हम अपने पार्टी कार्यालयों में भी यही करेंगे। यह किसानों को राहुल गांधी के समर्थन को मजबूत करने वाला कदम होगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदर्शन सफल रहे।