उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (LMC) बॉन्ड के जरिए 200 करोड़ रुपये जुटाए हैं। आज वह मुंबई में लखनऊ म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के बॉन्ड लिस्टिंग कार्यक्रम में शामिल हुए। लखनऊ नगर निगम कॉरपोरेशन बॉन्ड जारी करने वाला उत्तर भारत का पहला नगर निगम बन गया है। आज ये बीएसई पर लिस्ट हुआ।
लखनऊ नगर निगम ने प्राइवेट प्लेसमेंट के आधार पर म्युनिसिपल बॉन्ड के माध्यम 200 करोड़ रुपये जुटाए। लखनऊ नगर निगम को 21 बोलियां प्राप्त हुई थीं और ये 4.5 गुना सब्सक्राइब हुआ। इश्यु के खुलते ही नगर निगम को 200 करोड़ रुपये के इश्यू साइज के लिए बोलियां मिली। इसे 13 नवंबर 2020 को खोला गया था। राज्य सरकार ने लखनऊ समेत 8 शहरों में अमृत (AMRUT) और स्मार्ट सिटी मिशन जैसी योजनाओं में इस्तेमाल के लिए जुटाएं हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का अवसर है कि लखनऊ नगर निगम ने प्राइवेट प्लेसमेंट के आधार पर म्युनिसिपल बॉन्ड के माध्यम 200 करोड़ रुपये कमाए हैं। यह निवेशकों का उत्तर प्रदेश में विश्वास दिखाता है जो पिछले तीन सालों के शासन-संचालन के माध्यम से कमाया गया है। यह शहरी क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं को और बेहतर करने में हमारी मदद करेगा। साथ ही यह प्रदेश में औद्योगिक माहौल के सुधरने का भी प्रमाण है।
अभी तक कुल 11 नगर निगम बॉन्ड जारी किये हैं जिनसे करीब 3690 करोड़ रुपये जुटाये गये हैं। इनमें से बीएसई बॉन्ड मंच का योगदान 3,175 करोड़ रुपये है. इसके पहले अमरावती (2000 करोड़ रुपये), विशाखापत्तनम (80 करोड़ रुपये), अहमदाबाद (200 करोड़ रुपये), सूरत (200 करोड़ रुपये), भोपाल (175 करोड़ रुपये), इंदौर (140 करोड़ रुपये), पुणे (495 करोड़ रुपये), हैदराबाद (200 करोड़ रुपये) जैसे शहरों के भी म्युनिसिपल बॉन्ड आ चुके हैं।
इसमें निवेशकों को सालाना 8.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा। उधार लेने की वास्तविक कीमत लगभग 7.25 प्रतिशत होगी। इसमें भारत सरकार द्वारा प्राप्त म्यूनिसिपल बॉन्ड के लिए 26 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि शामिल है। ये बॉन्ड टैक्सेबल हैं। इन बॉन्ड की परिपक्वता अवधि 10 साल है।