पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सिफारिश के बाद राज्य मंत्रिमंडल से तृणमूल कांग्रेस के नेता शुभेन्दु अधिकारी का त्यागपत्र स्वीकार लिया है। धनखड़ ने ट्विटर पर कहा कि शुभेन्दु अधिकारी के पास जो चार विभाग थे अब उनका कार्यभार मुख्यमंत्री संभालेंगी। राज्यपाल ने ट्वीट किया, पश्चिम बंगाल की माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सिफारिश के मद्देनजर मंत्री शुभेन्दु अधिकारी का त्यागपत्र तत्काल प्रभाव के साथ स्वीकार लिया है।
वहीं, इस्तीफे को लेकर तृणमूल सांसद सौगत राय ने कहा कि अधिकारी के साथ दो बैठकों के दौरान, उन्हें यह महसूस हुआ कि वह पार्टी नहीं छोड़ना चाहते हैं। हम उनकी नाराजगी को लेकर उनसे बात करेंगे। राय ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी में बने रहेंगे, क्योंकि उन्होंने अपनी सदस्यता नहीं दी या विधायक के रूप में इस्तीफा नहीं दिया।
गौरतलब है कि शुभेन्दु अधिकारी हाल ही में पार्टी नेतृत्व के साथ विवादों में रहे हैं। वे हाल ही की कैबिनेट बैठकों से भी नदारद थे। शुभेन्दु अधिकारी 2011 में ममता बनर्जी को सत्ता में लाने वाले नंदीग्राम आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे हैं। इससे पहले शुक्रवार सुबह अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और ई-मेल से राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना त्याग पत्र भेजा था। इस्तीफे के बाद अधिकारी ने ट्वीट कर कहा, मैं मंत्री के रूप में अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने कहा, मैंने प्रतिबद्धता, समर्पण और ईमानदारी के साथ राज्य के लोगों की सेवा की है। इस अवसर के लिए मैं धन्यवाद देता हूं।
इसके साथ ही अधिकारी ने हल्दिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष के रूप में भी इस्तीफा दे दिया। यह एजेंसी पूर्वी मिदनापुर जिले के औद्योगिक शहर हल्दिया और उसके आस-पास के क्षेत्रों में विकास कार्यों की देखरेख करती है। बुधवार को, उन्होंने हुगली रिवर ब्रिज कमीशन (एचआरबीसी) के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था, जो कि कोलकाता के कई पुलों और फ्लाईओवर का संरक्षक है।
गौरतलब है कि टीएमसी नेता शुभेन्दु अधिकारी का पूर्वी मिदनापुर के अपने गृह जिले के अलावा, कम से कम 35-40 विधानसभा क्षेत्रों पर प्रभाव है। इनमें पश्चिम मिदनापुर, बांकुरा, पुरुलिया और झारग्राम में और बीरभूम के कुछ हिस्सों में – आदिवासी बहुल जंगलमहल क्षेत्र आदि प्रमुख हैं। उनका पार्टी छोड़ना टीएमसी के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
वहीं, भाजपा ने कहा कि टीएमसी नेताओं के इस्तीफे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ गुस्से का प्रतिबिंब है। हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अटकलबाजी पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि अधिकारी उनकी पार्टी में शामिल हो रहे थे। उधर, राज्य भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि अधिकारी के इस्तीफे ने तृणमूल के अंत का संकेत दिया। उन्होंने कहा, तृणमूल से शुभेन्दु का बाहर आना केवल समय की बात है। सत्ताधारी पार्टी के कई नेता हैं जो इसके कामकाज के तरीके से असंतुष्ट हैं। हमने अपने दरवाजे खुले रखे हैं। घोष ने कहा, पार्टी (टीएमसी) अस्तित्व में नहीं रहेगी।