लाकडाउन के कारण खेतों में ही मुरझा रहे गुलाब के उत्पादकों को सलाह देते हुये उत्तर प्रदेश के उद्यान विभाग के निदेशक डॉ एसबी शमार् ने कहा कि हल्की खुशबू वाली किस्मों की पंखुड़ियों को धूप में सुखाया जा सकता है जिससे इसका उपयोग न केवल मिष्ठान, आइसक्रीम और बेकरी में प्रयोग किया जा सकता है बल्कि सूखी पंखुड़ियों को पीसकर उसके पाउडर से अगरबत्ती और गुलकंद भी बनाया जा सकता है।
डॉ शमार् ने बताया कि गुलाब के बिना खुशबू वाली किस्मों की पंखुड़ियों को सुखाकर पयार्वरण के अनुकूल, गुलाबजल एवं अगरबत्ती बनाने के प्रयोग में किया जा सकता है। फूलों की कलियों को गोंद में मिलाकर विभिन्न प्रकार के स्मृति चिन्ह बनाने के लिए किया जा सकता है तथा अवशेष भाग को खाद के रूप में परिवर्तित कर खेत में प्रयोग किया जा सकता है अथवा बेचा जा सकता है। इससे गुलाब उत्पादकों की आय हो सकती है।
उद्यान निदेशक ने बताया कि लूज फूलों को स्वत: सूखने और चाइना एस्टर को सुखाना एक अच्छा उपाय है। सूखी पंखुड़ियों का उपयोग बाद में पयार्वरण के अनुकूल गुलाल बनाने के लिए किया जा सकता है। जो किसान देशी गुलाब उगा रहे हैं वे फूलों को फेंकने के बजाय गुलकंद तैयार कर सकते हैं। आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध होने की स्थिति में वैकल्पिक रूप से गुलाब जल, गुलाब का तेल बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि गुलाब के उत्पादक वर्तमान में रोपण प्रणाली में इस प्रकार विविधता लायें ताकि लगभग 45 दिनों के बाद उत्पादन को फिर से शुरू किया जा सके। यदि किसी प्रकार की समस्या आती है तो मण्डलों के उप निदेशक उद्यान, जिला उद्यान अधिकारी से सम्पर्क किया जा सकता है।