पूर्वी लद्दाख में वास्ताविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच भारतीय सेना ने अपने सैनिकों को और मजबूत किया है। पूर्वी लद्दाख में कंपकपी सर्दी के साथ सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों के लिए अमेरिका से कपड़े इम्पोर्ट किया गया हैं। अब कंपकंपाती ठंड में भी भारतीय सेना के जवान पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के सैनिकों से डटकर मुकाबला करेंगे।
रक्षा सूत्रों द्वारा बुधवार को जारी एक तस्वीर में दिखाया गया कि भारतीय सेना के एक जवान ने हाल ही में आर्मी को मिले एसआईजी सॉयर असॉल्ट राइफल के साथ सफेद पोशाक पहना हुआ है। सेना, चीन सीमा पर तैनाती के दौरान सर्दियों को मात देने में मदद करने के लिए सैनिकों को नए ठिकाने और कपड़े मुहैया करा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मंगलवार को भारतीय सेना को अमेरिका से अत्यधिक ठंडे मौसम के कपड़ों का पहला बैच मिला है।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने सियाचिन और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पश्चिमी मोर्चों सहित पूरे लद्दाख क्षेत्र में तैनात सैनिकों के लिए इन कड़क ठंड के मौसम के कपड़ों के सेट का 60,000 का स्टॉक रखा है। इस वर्ष, इन सेटों की अतिरिक्त 30,000 की आवश्यकता थी, क्योंकि एलएसी पर चीनी आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए इस क्षेत्र में करीब 90,000 सैनिक तैनात हैं।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन के बीच जारी तनाव के दौरान दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच आठवें दौर की वार्ता छह नवंबर को चुशुल में होगी। पूर्व में हुईं सात दौर की वार्ताओं में टकराव के बिन्दुओं का हल निकालने पर सहमति तो बनी, लेकिन जमीनी स्तर पर उनका क्रियान्वयन अब तक नहीं हुआ।
सेना के सूत्रों ने छह नवंबर को आठवें दौर की बैठक होने की पुष्टि की है। बैठक में एलएसी पर जारी तनाव का हल निकलने की उम्मीद है। दोनों देश तनाव कम करने के लिए मई से पहले की स्थिति बहाल करने समेत अन्य मुद्दों पर सहमत हैं, लेकिन इस पर अमल में देरी हो रही है। इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व 14वीं कार्प के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे। उन्होंने हाल में इस कार्प का नेतृत्व संभाला है। बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मौजूद रहने की भी संभावना है। सातवें दौर की बैठक पिछले महीने 12 अक्तूबर को चुशूल में हुई थी।