मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। नेताओं के बीच जुबानी जंग इस कदर बढ़ गई है कि मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया है। कमलनाथ के ‘आइटम’ बयान के बाद कैलाश विजयवर्गीय ‘चुन्नू-मुन्नू’ वाली टिप्पणी पर चुनाव आयोग हरकत में आया है और नोटिस जारी किया है। एक ओर जहां कमलनाथ को चुनाव आयोग ने उनके बयान पर नसीहत दी है तो दूसरी ओर विजयवर्गीय को नोटिस जारीर कर जवाब देने को कहा है।
चुनाव आयोग ने सोमवार को कहा कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा की महिला उम्मीदवार के खिलाफ ‘आइटम’ शब्द का इस्तेमाल कर प्रचार के संबंध में उसके परामर्श का उल्लंघन किया। आयोग ने कांग्रेस नेता को आदर्श आचार संहिता की अवधि में सार्वजनिक तौर पर इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी।
आयोग ने सोमवार को कांग्रेस नेता के खिलाफ आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया, ‘आयोग मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को सलाह देता है कि आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान सार्वजनिक बातचीत के समय उन्हें इस तरह के शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए या ऐसे बयान नहीं देना चाहिए।’ आयोग ने कहा कि कमलनाथ ने एक महिला के लिए ‘आइटम शब्द का इस्तेमाल किया और यह आचार संहिता संबंधी आयोग द्वारा जारी परामर्श का उल्लंघन है।
दरअसल, कमलनाथ ने कुछ दिन पहले एक चुनावी रैली में भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी के खिलाफ कटाक्ष करते हुए यह टिप्पणी की थी जिसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया था। सत्तारूढ़ पार्टी ने कमलनाथ की इस टिप्पणी पर तीखी प्रतक्रिया व्यक्त की थी। प्रदेश भाजपा की शिकायत और राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा इसका संदर्भ दिए जाने के बाद चुनाव आयोग ने कमलनाथ को नोटिस जारी किया था।
वहीं, चुनाव आयोग ने सोमवार को भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय को कांग्रेस नेताओं दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के खिलाफ उनकी कथित ‘चुन्नू-मुन्नू’ वाली टिप्पणी के लिए नोटिस जारी किया और अगले 48 घंटे में जवाब देने को कहा। नोटिस के अनुसार, इंदौर के सांवेर में 14 अक्टूबर को एक चुनावी सभा में दोनों कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दिया गया बयान आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाला पाया गया है। नोटिस मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से प्राप्त रिपोर्ट पर आधारित है।
नोटिस में कहा गया, ‘आयोग आपको उक्त कथित बयान पर नोटिस प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर आपका रुख स्पष्ट करने के लिए अवसर प्रदान करता है। ऐसा नहीं होने पर भारत निर्वाचन आयोग आगे आपको कोई सूचना दिये बिना निर्णय लेगा।’ मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए तीन नवंबर को उपचुनाव होने हैं और प्रचार चल रहा है।