नहीं गलेगी जातीय राजनीति की दाल, ब्राह्मण कार्ड को मत बनाओ घोटालों की ढाल : राजेश त्रिपाठी
गोरखपुर/लखनऊ 20 अक्टूबर। पूर्व मंत्री व चिल्लूपार के पूर्व विधायक राजेश त्रिपाठी ने सैकड़ों करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले के मामले में चिल्लूपार के बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी की फर्म गंगोत्री इंटरप्राइजेज पर सीबीआई की छापेमारी को निष्पक्ष, पारदर्शी और भ्रष्टाचार के खिलाफ जरूरी कार्रवाई बताया है। एक प्रेस बयान में पूर्व मंत्री ने दावा किया कि ये कार्रवाई उनकी तरफ से सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा व अन्य चांज एजेंसियों में तथ्य व साक्ष्यपरक शिकायतों का संज्ञान लेकर की गई है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में जातीय राजनीति की दाल नहीं गलने वाली और न ही ब्राह्मण कार्ड को ढाल बनाकर अपराध और भ्रष्टाचार जैसे कुकृत्यों से बचा जा सकता है।
पूर्व मंत्री राजेश तिवारी ने कहा कि बैंकों से लिया गया लोन जनता का पैसा होता है। दुःखद है कि जनता के रहनुमा बनने का दावा करने वाले जातीय राजनीति के पोषक सैकड़ों करोड़ रुपये लोन फर्जीवाड़ा कर डकार जा रहे हैं। उन्होंने तंज कसा की अपराध की नर्सरी में पलने वालों से और कोई उम्मीद भी नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि फर्जी दस्तावेजों, फर्जी हस्ताक्षरों, फर्जी कम्पनियों के जरिये देश का अरबों रूपये हड़प कर बैठने वाले लोग पहले तो अपने रसूख का इस्तेमाल कर फाइलें दबवाते रहे, लेकिन अब जब सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने उत्तर प्रदेश के इस सबसे बड़े बैंक घोटाले पर से अभी पर्दा हटाना आरम्भ ही किया है तो जाति का रोना लेकर बैठ गये। कहा कि चिल्लूपार के वर्तमान विधायक विनय शंकर तिवारी स्वयं स्वीकार ही कर चुके हैं कि उन पर बैंक का इतना सौ करोड़ कर्ज है। उन्हें आगे इससे मुकरना नहीं चाहिए। क्योंकि 2017 के विधान सभा चुनाव की रजिस्टर्ड बयानहलफी में उन्होंने कहा है कि उन पर या उनकी कम्पनियों पर कोई कर्ज है ही नहीं। उन्हें यह तो पता ही है कि चुनाव आयोग को दिये गये हलफनामे में तथ्य छिपाना गम्भीर अपराध माना जाता है। अब कहीं कोर्ट ने उनसे इस झूठी बयानहलफी पर जबाब तलब कर लिया तो कहीं वह और उनके लोग फिर ब्राम्हण-ब्राम्हण न चिल्लाने लगें ।
पूर्व मंत्री ने कहा कि अब ऐसे लोगों को ब्राम्हण कार्ड से बाहर आना होगा। इसी कार्ड को बार-बार खेल कर ही तो ये लोग सत्ता की चाशनी में अपनी जिलेबी डुबोते चले आ रहे हैं आखिर कब तक वही पुराना राग अलापते रहेगें। उन्होंने कहा कि सरकार ने जाति धर्म से परे अपराधियों व भ्रष्टाचारीयों पर कठोर कार्रवाई की है और जनता का इसमें पुरजोर समर्थन हासिल है।
यह है मामला
बाहुबली व धनबली पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी के पुत्र चिल्लूपार के विधायक विनय शंकर तिवारी की फर्म गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नोएडा व लखनऊ कार्यालय पर सीबीआई ने सोमवार को छापेमारी की थी। फर्म पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया आईडीबीआई, केनरा बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, कारपोरेशन बैंक से 1200 करोड़ रुपये लोन लेकर न चुकाने का मामला है।
सीबीआई ने छापेमारी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दर्ज शिकायत पर की। शिकायत में कहा गया है कि विनय की फर्म ने 700 करोड़ से अधिक का लोन फर्जी दस्तावेजों पर लिया और दूसरी कम्पनियों में रुपए डाइवर्ट कर फर्जीवाड़ा किया। इस फर्म में विनय, उनकी पत्नी और सहयोगी अजीत पांडेय का नाम है।
आईडीबीआई ने जारी किया था समन
आईडीबीआई ने अपने 200 करोड़ के लोन की वसूली को लेकर बाहुबली हरिशंकर तिवारी, उनके बेटों विनय शंकर तिवारी, पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी, भांजे गणेश शंकर पांडेय समेत 33 लोगों के खिलाफ सार्वजनिक समन जारी किया था।
कृषि भूमि पर बिना सत्यापन लोन लेने का आरोप
जो लोन लिए गए हैं उनके सापेक्ष कृषि भूमि की गारंटी दी गई है जो शहर से बहुत दूर हैं।आरोप है कि सियासी रसूख और बाहुबल के बूते इसका सत्यापन भी नहीं कराया गया है।