कोरोना के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के बाद देश अब अनलॉक के पांचवें चरण में प्रवेश करने जा रहा है। आज केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा दिशानिर्देशों की घोषणा की जा सकती है। इस बीच कोरोना लॉकडाउन मानदंडों के छूट के संबंध में दिल्ली सरकार का वर्तमान आदेश का कार्यकाल आज यानी बुधवार को समाप्त होने जा रहा है।
केंद्र सरकार की तरफ से आज अनलॉक-5 के दिशा-निर्देशों को जारी करने की संभावना है, वहीं, दिल्ली सरकार के द्वारा उसका अध्ययन किया जाएगा। इके बाद दो दिनों के भीतर कुछ मानदंडों के छूट के संबंध में नए आदेश जारी करने की संभावना है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार, राज्य सरकारों को कड़े रूप में अनलॉक नियमों को लागू करने की अनुमति है, लेकिन उन्हें प्रतिबंधित करने से रोक दिया जाता है।हालांकि दिल्ली सरकार कुछ महत्वपूर्ण मोर्चों पर निर्णय ले सकती है।
दिल्ली सरकार 5 अक्टूबर तक इस पर नए सिरे से निर्णय लेने वाली है। वर्तमान नियमों के तहत, कक्षा 9 से 12 वीं तक के छात्रों को स्वैच्छिक रूप से अपने स्कूलों में जाने की अनुमति दी जाती है और उच्च शिक्षा संस्थान केवल रिसर्च स्कॉलर और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए खोले जा सकते हैं। दिल्ली में, हालांकि, राज्य सरकार के एक आदेश के अनुसार, सभी शिक्षा संस्थान 5 अक्टूबर तक बंद हैं।
भले ही केंद्र सरकार मल्टीप्लेक्स, सिनेमा हॉल और सिनेमाघरों को अपनी अनलॉक योजनाओं के तहत फिर से खोलने की अनुमति देती है, लेकिन दिल्ली में इसपर अंतिम निर्णय लेफ्टिनेंट गवर्नर (एल-जी) अनिल बैजल लेंगे, जो डीडीएमए के अध्यक्ष हैं। इस सप्ताह के अंत में डीडीएमए की बैठक होने की संभावना है।
मल्टिप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि नई एसओपी में सीटों के बीच अंतराल, हर शो के हाद हॉल के पूर्ण रूप से कीटाणुशोधन और पूर्ण रूप से ई-टिकट और संपर्क रहित चेक-इन की व्ववस्था शामिल है।
वर्तमान में केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश 100 लोगों तक सभाओं की अनुमति देते हैं। लेकिन, सरकार को अभी इसकी सूचना नहीं है। इसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि शहर में 50 से अधिक लोगों का जमावड़ा प्रतिबंधित है। 50 की अधिकतम सीमा शुरू में विवाह के लिए निर्धारित की गई थी और 1 जून से केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के तहत लागू किया गया है। दिल्ली में वर्तमान में लागू दिशानिर्देशों के तहत, यह राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक आदि सभी सभाओं पर लागू होता है।
दुर्गा पूजा उत्सव अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में भी निर्धारित होता है और अधिकांश आयोजक अभी तक असमंजस की स्थिति में हैं, पुलिस या सरकार से अभी तक इसे प्राप्त नहीं किया गया है।