राजेंद्र कुमार
उत्तर प्रदेश में इस वक्त आईपीएस अफसरों का बुरा वक्त चल रहा है। तमाम सांसद और विधायक जिलों में तैनात पुलिस अफसरों पर मनमानी के आरोप लगा रहें है। वहीं सरकार ने भी कई पुलिस कप्तानों के खिलाफ भ्रष्टाचार के प्रकरणों को लेकर एक्शन लिया है। कुल सात आईपीएस अफसर वर्तमान में निलंबित चल रहें हैं। और पांच आईपीएस निलंबित किए जाने की कगार पर हैं। एसपी स्तर के दो पुलिस अफसरों अभिषेक दीक्षित और मणिलाल पाटीदार को तो मुख्यमंत्री ने निलंबित करते हुए उनकी संपत्ति की जांच विजलेंस से कराने के आदेश जारी कर दिए हैं। बीते साढ़े तीन वर्षों में किसी अखिल भारतीय सेवा के अफसर के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई राज्य में नहीं हुई हैं।
मायावती के शासनकाल में जरुर पुलिस भर्ती घोटाले को लेकर 25 आईपीएस अफसर निलंबित किये गए थे। उसके बाद यह दूसरा मौका है जब सात आईपीएस अफसर निलंबित हैं और पुष्पांजलि देवी, नेहा पाण्डेय तथा अष्टभुजा सिंह, अजय पाल और हिमांशु कुमार पर निलंबन की तलवार लटक रही हैं।
इनमें तीन अफसरों पर सीबीआई ने आरोप लगाया है कि इन लोगों ने नाबालिग लडकी से हुए बलात्कार के मामले में मिली शिकायत पर उचित एक्शन नहीं लिया। गृह विभाग ने इस प्रकरण को लेकर उक्त अफसरों के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाए? डीजीपी से इस संबंध में उनकी राय माँगी गई है।
डीजीपी का मत मिलते ही इन तीनों आईपीएस अफसरों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। जबकि अजय पाल और हिमांशु कुमार के खिलाफ विजलेंस महकमें ने केस दर्ज करने की सिफारिश की है।
यह सब देखकर ही अब यह कहा जा रहा है कि यूपी में सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री ने करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की जो बात कही थी, उसका सबसे ज्यादा शिकार करप्शन को खत्म करने का जिम्मा संभालने वाले पुलिस अफसर ही हो रहे हैं। नतीजन यूपी में सात आईपीएस सस्पेंड चल रहे हैं और पांच अधिकारी जल्दी ही इन अफसरों के साथ खड़े दिखाई देंगे। निलंबित हुए अफसरों में एडीजी जसबीर सिंह को मीडिया को दिए इंटरव्यू में सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने के चलते 14 फरवरी 2019 को निलंबित किया गया था। तब से वह सस्पेंड चल रहे हैं। डीआईजी दिनेश चंद्र दुबे और डीआईजी अरविंद सेन को पशुपालन घोटाले में निलंबित किया गया है। आईपीएस दिनेश चंद्र दुबे और अरविंद सेन पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे, जिसके चलते दोनों निलंबित हैं।
आईपीएस वैभव कृष्ण का एसएसपी नोएडा रहने के दौरान आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुआ था। वैभव पर गोपनीय चिट्ठी को लीक करने का भी आरोप लगा। अधिकारी आचरण नियमावली का उल्लंघन करने को लेकर के वैभव को सस्पेंड किया गया। आईपीएस अपर्णा गुप्ता कानपुर में संजीत यादव अपहरण कांड में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित हुई हैं। आईपीएस अभिषेक दीक्षित को एसएसपी प्रयागराज रहते निलंबित किया गया। उन पर भ्रष्टाचार व लापरवाही के आरोप लगे हैं। इसी तरह के आरोपों में मणिलाल पाटीदार को भी निलंबित किया गया है।
मुख्यमंत्री पुलिस अफसरों के खिलाफ जिस तेजी से एक्शन ले रहें हैं, उसको देखते हुए यह कहा जा रहा है कि जिलों में तैनात पुलिस अफसर अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाने पर ध्यान दें वरना सरकार अब किसी अफसर के प्रति दया दिखाने के मूड में नहीं है। अब हर गलती पर सजा मिलेगी क्योंकि विधान सभा चुनाव का वक्त नजदीक आता जा रहा है। सरकार को अपनी छवि की चिंता है किसी अफसर की दागदार छवि को लेकर सरकार अपना दामन दागदार नहीं करेगी। .