भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बातचीत के बाद बनी सहमति को जमीन पर लागू करने का खाका जल्द तैयार होगा। अगले एक दो दिनों में चीन की मंशा जाहिर होने के बाद भारत एलएसी पर अपनी रणनीति तय करेगा। सूत्रों ने कहा फिलहाल भारत जमीन पर चीनी सैनिकों का व्यवहार देखना चाहता है। कूटनीतिक स्तर पर साफ संकेत दिए गए हैं कि चीनी सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया के बाद ही भारत पीछे हटने पर विचार करेगा।
सूत्रों ने कहा विदेश मंत्रियों की बातचीत में मोटे तौर पर शांति प्रक्रिया के बिंदु तय किए गए हैं। कमांडर स्तर की बातचीत और सीमा पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्यतंत्र की बैठकों में इसपर आगे बढ़ने की प्रक्रिया पर चर्चा होगी। इस बीच में कोई आक्रामक गतिविधि न हो इसके लिए चीन के शीर्ष नेतृत्व को पीएलए को स्पष्ट निर्देश देने होंगे।
सूत्रों ने कहा कि भारत चाहता है कि पहले चीनी सेना पैंगोंग इलाके से वापस अपनी पुरानी स्थिति में जाएं। भारत केवल जुबानी भरोसे पर ब्लैक टॉप की अपनी रणनीतिक पोजीशन नहीं छोड़ेगा। जबकि चीन चाहता है कि भारत यहां से हटे।
सूत्रों के मुताबिक, संकेत हैं कि अगले हफ्ते सीमा पर बातचीत आगे बढ़ेगी। कूटनीतिक स्तर पर भारत ने स्पष्ट किया है कि जब तक बातचीत हो चीन कोई ऐसी गतिविधि न करे जिससे मजबूरी में भारत को जवाब देना पड़े। साथ ही पहले तय सहमति को जमीन पर लागू करने की प्रक्रिया भी तेज हो। इसी कड़ी में प्राथमिकता के तौर पर सेनाओं के बीच सुरक्षित दूरी सुनिश्चित करना है। कुछ बिंदुओं पर सेनाएं 300 से 500 मीटर की दूरी पर हैं।