कोरोना के मामले बढ़ते देख दिल्ली सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। अब राजधानी के नॉन-कोविड अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य होगी। सामान्य ओपीडी में पहुंचे मरीजों को भी रैपिड एंटीजन जांच करानी होगी। दिल्ली के प्रमुख बड़े नॉन-कोविड अस्पतालों में दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में जांच व्यवस्था शुरू हो गई है। वहीं, जग प्रवेशचंद्र समेत अन्य अस्पतालों में भी जल्द जांच शुरू होगी।
ओपीडी में आने वाले मरीजों से एक फॉर्म भरवाया जाएगा, जिसमें उनके लक्षण संबंधी सवाल पूछे जाएंगे। हालांकि, जांच ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों की होगी। जिन मरीजों को लक्षण होने के बावजूद एंटीजन टेस्ट नेगेटिव आएगा, उन्हें आरटीपीसीआर जांच के लिए कहा जाएगा।
अधिक से अधिक जांच के लिए विभिन्न डिस्पेंसरियों, अस्पतालों और बाजारों में कैंप लगाए जा रहे हैं। दिल्ली में बुधवार को लगभग 28 हजार जांच की गई थी।
अस्पताल पहुंचने पर एक बार कोरोना जांच के बाद 48 घंटे तक दोबारा जांच की जरूरत नहीं होगी। तीमारदार डॉक्टर के पास नहीं जाएंगे। असहाय मरीज हुआ तो तीमारदार जांच के बाद जा सकेंगे।
कोविड- 19 इलाज के लिए 10 से 28 अगस्त के बीच भर्ती होने वाले कुल मरीजों में से बाहरी लोगों का औसत 40% है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डों पर जांच कैंप के बावजूद मामले बढ़ रहे हैं।
ओपीडी में कोरोना जांच के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बड़ी चुनौती साबित हो रही है। कई अस्पतालों में जांच के लिए खड़े लोग सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी कर रहे हैं।
देश में 24 घंटों में सर्वाधिक 83,883 केस मिले हैं। कुल मामलों की संख्या 38 लाख को पार कर गई। एक दिन में रिकॉर्ड 11.70 लाख नमूनों की जांच की गई। वहीं, एक दिन में रिकॉर्ड 68,584 मरीज ठीक हुए।
दिल्ली में करीब 65 दिन बाद कोरोना के मामले 2700 के आंकड़े को पार कर गए। गुरुवार को कुल 2737 मरीजों की पुष्टि हुई। वहीं, एक दिन में 32,885 जांच हुईं जो एक दिन में रिकॉर्ड जांच हैं।