शासन ने विकास दुबे व उसके करीबियों को जारी हुए 29 असलहा लाइसेंस की फाइलें तलब की हैं। सभी की फोटोकॉपी आज भेजी जाएगी। इसलिए रविवारर को छुट्टी के दिन असलहा विभाग खोलकर फाइलों को तलाशा गया। उनकी फोटोकॉपी देर रात तक कराई जाती रही।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे, उसके भाई दीपक दुबे, प्रधान बहू अंजलि दुबे, करीबी कोटेदार दयाशंकर, फंड मैनेजर जय बाजपेई समेत करीबियों को 29 असलहा लाइसेंस जारी हुए हैं। विकास का लाइसेंस 2004 में निरस्त किया जा चुका है। बहू अंजलि दुबे का लाइसेंस निरस्त होने के बाद फिर बहाल कर दिया गया था। फंड मैनेजर जय बाजपेई निरस्त लाइसेंस रखकर चल रहा था, जबकि इसके रिव्यु पर सुनवाई डीएम कोर्ट में चल रही है। इसी बीच शासन ने असलहा लाइसेंस स्वीकृति समेत इनसे जुड़ी अन्य फाइलों की फोटोकॉपी मंगा ली है। इनमें से कई दबी फाइलों को असलहा विभाग के बाबुओं ने तलाशा। कई फाइलें बड़ी मशक्कत के बाद मिल पाई हैं।
विकास दुबे व उसके करीबियों पर कई-कई मुकदमे होने के बावजूद असलहा लाइसेंस स्वीकृत किया गया। हत्या के मामले में आरोपित दीपक दुबे तक के पास लाइसेंस है। इसलिए चरित्र सत्यापन व लाइसेंस मंजूर करने वालों की गर्दन फंसनी तय है। लाइसेंस फॉर्म पर रिपोर्ट लगाने वालों पर भी कार्रवाई हो सकती है। एसआईटी भी बार-बार इतनी बड़ी संख्या में लाइसेंस स्वीकृति को लेकर अफसरों से सवाल-जवाब कर चुकी है।