असम में भाजपा विधायक शिलादित्य देव की विवादित टिप्पणी के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने कई शिकायतें दर्ज कराई हैं। उन्होंने सम्मानित विद्वान सैयद अब्दुल मलिक को ”बुद्धिजीवी जेहादी कहा था। भाजपा नेता एवं असम अल्पसंख्यक विकास बोर्ड के प्रमुख मुमिनुल ओवाल ने बयान की निंदा की और अपनी पार्टी के सहयोगी से सार्वजनिक तौर पर माफी की मांग की है। कांग्रेस ने देव को ”पागल व्यक्ति” कहा है जिसे लगातार विवादित एवं सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील बयानों के लिए ”पागलखाने भेज दिया जाना चाहिए। पार्टी ने उन्हें ”भाजपा का राखी सावंत भी बताया। बालीवुड अभिनेत्री अपने विवादित बयानों के लिए जानी जाती हैं।
कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग ने देव के खिलाफ गुवाहाटी में हांटीगांव पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई है और होजाई निर्वाचन क्षेत्र के इस विधायक की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। सदाओ असम गोरिया-मोरिया-देशी जातीय परिषद ने बारपेटा, धुबरी और मोरीगांव जिलों में विभिन्न पुलिस थानों में शिकायत दर्ज कराई है जबकि सदाओ असम गोरिया-युवा छात्र परिषद ने गुवाहाटी में जालुकबारी पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
असम सोनग्रामी युवा मंच ने भी हाटीगांव पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है और देव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। भाजपा नेता ओवाल ने कहा, “शिलादित्य ने जो कहा, मैं उसका विरोध और कड़ी निंदा करता हूं।”
उन्होंने कहा, “अगर वह सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगते हैं तो मैं हमेशा उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाउंगा।”असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने बेहद सम्मानित कवि,, उपन्यासकार और लघु कथा लेखक मलिक के खिलाफ देव की आपत्तिजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा की है। कांग्रेस लोकसभा सदस्य अब्दुल खलीक ने भाजपा विधायक को “एक पागल व्यक्ति करार दिया है जिसे पागलखाने भेजा जाना चाहिए।”
कांग्रेस के एक अन्य नेता कमल कुमार मेधी ने कहा, “शिलादित्य देव भाजपा की राखी सावंत हैं। असमिया समाज को उन्हें खास तवज्जो नहीं देनी चाहिए। असम साहित्य सभा के अध्यक्ष कुलधर सैकिया ने मलिक के खिलाफ ”विवादित टिप्पणियों की निंदा की। मलिक शीर्ष साहित्यिक निकाय के अध्यक्ष भी हैं। देव ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि मलिक एक कवि हैं जो “बौद्धिक जेहाद कर रहे हैं। उन्होंने यह बयान राम मंदिर के शिलान्यास के दिन सोनितपुर जिले में हुए हालिया सांप्रदायिक संघर्ष पर टिप्पणी करते हुए दिया था। राजनीतिक विचारधाराओं से ऊपर उठते हुए, इस टिप्पणी पर राज्य भर में हर किसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कई समूहों ने रविवार को देव का पुतला भी जलाया।