लाल किले पर 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेना या पुलिस का बैंड मौजूद नहीं होगा। उनके बैंड का रिकॉर्ड किया वीडियो लाल किले पर बड़े एलईडी स्क्रीन पर चलाया जाएगा। गृह मंत्रालय ने कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। पूरे आयोजन में कम से कम भीड़ के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करने का भी निर्देश दिया गया है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक, बैंड का रिकार्डेड वीडियो ऐतिहासिक महत्व वाले लाल किले का ही हो। उसे 15 अगस्त को बड़े स्क्रीन पर चलाने के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी चलाया जाए। अगर ऐसा हुआ तो स्वतंत्रता दिवस पर यह पहला मौका होगा जब सेना का बैंड लाल किले पर लाइव प्रस्तुति नहीं देगा।
स्वतंत्रता दिवस में बेहद सीमित लोगों को बुलाने को कहा गया है, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके और भीड़ भी कम हो। सभी आंगतुकों को मास्क लगाना भी अनिवार्य होगा। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को भी इसे लेकर निर्देश जारी किया है। साथ ही इस मौके पर आत्मनिर्भर भारत की थीम के प्रचार प्रसार को भी कहा गया है।
स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा है कि वह स्वतंत्रता दिवस समारोह वाले दिन कोरोना योद्धाओं को आने का निमंत्रण दे। इसमें डॉक्टर, नर्स, सफाईकर्मी शामिल हों। इस महामारी में उनके काम को सम्मान दें। साथ ही ऐसे लोगों को भी बुलाने को कहा गया है जिन्हें कोरोना हुआ है और वह अब ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा गैर जरूरी लोगों को नहीं बुलाने और सेनेटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को भी कहा गया है।
स्वतंत्रता दिवस समारोह की झलकियां लोगों तक पहुंच सके और लाल किले पर भीड़ भी कम हो, इसके लिए तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने को कहा गया है। पूरे समारोह की वेबकास्टिंग की जाएगी, जिससे इसमें खुद मौजूद न हो पाने वाले लोग बिना किसी रुकावट के लाइव प्रसारण देख पाएं।
लाल किला में 15 अगस्त को होने वाले आयोजन में कोरोना संदिग्ध शख्स या समूह को प्रवेश नहीं मिलेगा। अगर उसे फ्लू, खांसी या बुखार की शिकायत है या किसी समूह में किसी एक व्यक्ति को भी ऐसा है तो पूरे समूह को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सूत्रों की मानें तो आने वाले लोगों को आरोग्य सेतु एप भी अनिवार्य होगा। उसे देखने के बाद ही प्रवेश मिलेगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, समारोह में शामिल होने वाले अतिथियों के बैठने के बीच सामाजिक दूरी का पालन हो उस हिसाब से कुर्सियां लगाई जा रही हैं। दो व्यक्तियों के बीच में दो कुर्सियों जितना फासला होगा यानि करीब छह फीट की दूरी एक से दूसरे व्यक्ति के बीच रहेगी।
कोरोना के चलते वीवीआईपी लोगों की सीटों की बैठने की व्यवस्था में भी फेरबदल होगा। लालकिले की प्राचीर वाली जिस जगह से तिरंगा झंडा फरहाया जाता है, उधर लोगों के बैठने की व्यवस्था नहीं होगी। अतिथियों के लिए सीमित सीटों के साथ प्राचीर के निचले स्तर वाली जगह पर बैठने के इंतजाम किए जा रहे हैं।
सूत्र की मानें तो इस बार कोरोना के चलते लालकिला के समारोह का हिस्सा बच्चे नहीं बनेंगे। कोरोना के डर से बच्चों को शामिल नहीं किया जा रहा है। जिस प्रकार से बच्चे पंक्ति में तिरंगा झंडा बनाकर बैठते थे उसकी झलक की गुंजाइश कम रहेगी। एनसीसी कैडेटों को बुलाने की योजना है। साथ ही कोरोना के खात्मे के संदेश वाली झलक देखने को मिल सकती है।
सूत्र ने बताया कि लालकिला पर आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में कोरोना योद्धाओं को बुलाने को लेकर भी चर्चा है। जिस जगह उन्हें बिठाया जाएगा वह एकदम खास दिखाई देगी। साथ ही फूल लगाने को लेकर भी एहतियात बरतने को निर्देश है, जिससे वह किसी के संपर्क में न आए और लोग उन्हें न छुए। इसके अलावा अतिथि एलईडी स्क्रीन से भी समारोह देख सकेंगे। हालांकि, उनकी संख्या कितनी होगी उस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।