राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी नेताओं के सचिन पायलट पर सीधे हमले से पार्टी नेतृत्व खुश नहीं है। पार्टी नेतृत्व ने सभी नेताओं को हिदायत दी है कि वह राजस्थान घटनाक्रम पर बयानबाजी करने से परहेज करें। गहलोत ने बुधवार को उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए सचिन पायलट पर सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था।
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद नेतृत्व ने फौरन पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को बयान देने की हिदायत दी, ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके।
दरअसल, सचिन पायलट लगातार यह दोहरा रहे हैं कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं। पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वह अभी भी कांग्रेस में हैं। इसलिए, पार्टी नेतृत्व भी पायलट से सुलह समझौते की गुंजाइश बनाए रखना चाहता है। गहलोत के बयान के आधे घंटे के अंदर सुरजेवाला मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा कि पायलट आए और पार्टी फोरम पर खुलकर अपनी बात रखे। इससे साफ है कि पायलट के लिए कांग्रेस ने अभी दरवाजे बंद नहीं किए हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि अगर वह भाजपा में नहीं जाना चाहते तो उनके किसी भी नेता से वार्तालाप और चर्चा न करें। अपने परिवार में वापस आइए, परिवार में बैठिए ओर परिवार में अपनी बात रखिए।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से विधायकों के खरीद फरोख्त के आरोपों पर सचिन पायलट की टीम की तरफ से सवाल किया गया है। राजस्थान सरकार में मंत्री पद से हटाए गए सचिन पायलट कैंप के रमेश मीणा ने गहलोत से सवाल पूछते हुए वो वक्त याद दिलाया जब मायावती की बहुजन समाज पार्टी के विधायकों ने पाला बदलकर कांग्रेस ज्वाइन किया था। मीणा भी उनमें से एक थे जिन्होंने पाल बदलकर कांग्रेस ज्वाइन किया था।
रमेश मीणा ने कहा- बीएसपी विधायकों ने दो बार अपनी पार्टी छोड़ी और कांग्रेस में आकर शामिल हो गए और दोनों ही वक्त गहलोत की सरकार में। उनके पहले कार्यकाल में गहलोत 4 विधायकों को कांग्रेस में लेकर आए। दूसरे कार्यकाल में वे 6 विधायकों को लेकर आए। उन्होंने कहा- आज वे करोड़ों के लेन-देन की बात कहते हैं। मैं मुख्यमंत्री से यह पूछना चाहता हूं कि कितने पैसे हमें दिए गए थे जब मैं कांग्रेस को ज्वाइन किया था? सच्चाई बताएं। धोखा था कि उन्होंने हमें बताया था कि विकास होगा।