शेयर आधारित म्यूचुअल फंड योजनाओं ने व्यापक बाजार में सुधार के बीच लॉकडाउन के दौरान 25 प्रतिशत का प्रतिफल (रिटर्न) दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि रिजर्व बैंक के तरलता उपायों तथा सरकार द्वारा प्रोत्साहनों की घोषणा से भी म्यूचुअल फंड अधिक रिटर्न दे पाए। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह मंदड़िया आधारित तेजी से अधिक कुछ नहीं है। प्राइमइन्वेस्टर.इन की सह-संस्थापक विद्या बाला कहती हैं कि म्यूचुअल फंड हालांकि मार्च के निचले स्तर से उबर गए हैं, लेकिन दीर्घावधि का रिटर्न अब भी खराब रहने का अनुमान है। मॉर्निंगस्टार इंडिया द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार सभी इक्विटी योजना श्रेणियों…इक्विटी से जुड़ी बचत योजना (ईएलएसएस), मिड-कैप, लार्ज और मिडकैप, लार्ज-कैप, स्मॉल-कैप, मिड-कैप और मल्टी-कैप ने 25 मार्च से तीन जून के दौरान 23 से 25 प्रतिशत का रिटर्न दिया। अलग-अलग देखा जाए, तो लार्ज-कैप कोषों ने 25.1 प्रतिशत का रिटर्न दिया। मल्टी-कैप ने 25 प्रतिशत, ईएलएसएस और लार्ज और मिड-कैप ने 24.9-24.9 प्रतिशत, स्मॉल-कैप ने 24 प्रतिशत और मिड-कैप ने 23.2 प्रतिशत का रिटर्न दिया। समीक्षाधीन अवधि में व्यापक बाजारों में 25 से 30 प्रतिशत का सुधार हुआ। कोविड-19 पर रोकथाम के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। कुछ राज्यों ने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में इसे 30 जून तक बढ़ा दिया है।