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सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर जताया कड़ा एतराज
New Delhi…
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर कड़ा एतराज जताया है. कोर्ट ने सिविल मामलों को जबरन क्रिमिनल केस में बदलने की प्रवृत्ति पर नाराजगी जताते हुए कहा – “यह बहुत गलत है, एकदम बेतुका है.”
सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि अब ऐसा कोई मामला सामने आने पर पुलिस पर जुर्माना लगाया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि केवल पैसे न देना अपराध नहीं हो सकता. साथ ही DGP को भी इस संबंध में निर्देश देने की बात कही गई.
सिविल विवाद को अपराधिक मामलो में बदलने के लगातार आ रहे मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की. उत्तर प्रदेश में इस तरह के मामलों पर टिप्पणी करते हुए कहा य़ह पूरी तरह से कानून का उल्लंघन है.
CJI ने यूपी में जो हो रहा है, वह गलत है. रोजाना सिविल मुकदमों को आपराधिक मामलों में बदला जा रहा है. यह बेतुका है, केवल पैसे न देने को क्रिमिनल अपराध नहीं बनाया जा सकता. ऐसे मामले मे इस तरह से चार्जशीट दाखिल करने का तरीका नहीं है.
CJI ने कहा कि वकील भूल गए हैं कि सिविल अधिकार क्षेत्र भी है. CJI ने फ़िलहाल इस मामले मे जुर्माना नहीं लगाया हालाकि य़ह जरूर कहा कि अब ऐसा कोई मामला आया तो उसपर जुर्माना जरूर लगेंगे.
कोर्ट ने कहा कि समन आदेश और चार्जशीट को लेकर शरीफ और अन्य बनाम यूपी के मामले मे सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2024 मे फैसले मे जारी दिशानिर्देश के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि दो हफ्ते मे यूपी के DGP 2024 के फैसले के अनुपालन पर अपना हलफनामा दाखिल करेगी.
वही इस मामले के IO को भी दो हफ्ते मे सुप्रीम कोर्ट मे हलफनामा दाखिल कर उसके द्वारा दाखिल चार्जशीट में नियमों का पालन नहीं करने के लिए जवाब दाखिल करने को कहा है.
कोर्ट ने हम स्पष्ट किया कि इस मामले मे NIA की धारा 138 के तहत कार्यवाही जारी रहेगी. फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट पांच मई से शुरू होने वाले सप्ताह में मामले पर अगली सुनवाई करेगा.
दरअसल ग्रेटर नोएडा मे पैसे के लेनदेन के एक मामले को पुलिस ने सिविल केस मे क्रिमिनल केस बनाते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि पुलिस ने पैसे लेकर मामले को क्रिमिनल बना दिया…