अमृत योजना के कार्यों से जनता परेशान
नगर के साथ ग्रामीणांचलों में भी अमृत योजना से सड़कें हुईं बदहाल
जौनपुर। सरकार द्वारा चलाई जा रही अमृत योजना के तहत जिला के लगभग सभी सड़कों की खुदाई करके उसमें सप्लाई पाइप लाइन लगाई गई जिससे योजना कार्य पूरा करके विभाग ने अपना पल्ला झाड़ लिया परंतु खुदाई से निकली मिट्टी को रातोरात बेचकर अपनी जेबों को भी भर लिया। ठेकेदार एवं इंजीनियरों की मिलीभगत से पूरा का पूरा खोखला कर दिया सड़कों को जिसका खामियाजा आज जनता को भरना पड़ रहा। बारिश होते ही सड़कें जगह—जगह बैठ जाने के कारण लोग कहीं न कहीं दुर्घटनाग्रस्त हो रहे तो कहीं—कहीं वाहनों के पलट जाने से शारीरिक और आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसकी भरपाई कौन करेगा? इसकी जांच होनी चाहिए कि खुदी मिट्टी जो लाखों में बेची गई है तो क्या वह पैसा राजस्व में जमा किया गया? क्या खनन की मिट्टी किसी उच्च अधिकारियों की सहमति से बेची गई है? यदि नहीं तो सड़कों से निकली हुई मिट्टी को क्यों नहीं पुनः भरा गया जिसके कारण आज जगह—जगह वाहन धंस जा रहे हैं। जनता को बेवकूफ बनाने के वास्ते रोज धंसी हुए सड़कों को लीपा पोती की जा रही है। इस पर जिलाधिकारी को संज्ञान में लेकर उचित कार्यवाही करने की आवश्यकता है जबकि जिलाधिकारी आवास के निकट ही अंबेडकर तिराहे पर एक डीसीएम धंसी और आगे कलेक्ट्रेट तिराहे पर ट्रक धंस गई जिसे काफी मशक्कत के बाद किसी तरह निकाली गयी।