सही जीवन शैली से हार्ट के रोग भगायें: डा0 नीरज प्रकाश सिंह

Alok Verma, Jaunpur Bueauro

सही जीवन शैली से हार्ट के रोग भगायें: डा0 नीरज प्रकाश सिंह

जौनपुर। हृदय रोग संस्थान कानपुर के प्रख्यात हार्ट सर्जन एवं राजकीय कानपुर मेडिकल कॉलेज के ह्रदय रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डा0 नीरज प्रकाश सिंह ने कहा है कि बाएँ हाथ मे दर्द जो जबडे तक जाय, सीने में भारीपन, दबाव, तेज घबराहट और पसीना आना व ऐसा प्रतीत हो कि जान निकल जायेगी तो यह लक्षण हार्ट अटैक का है। यदि चिकित्सक उपलब्ध न हो तो अन्तिम विकल्प के रूप में सारबिट्रेट टैबलेट जीभ के नीचे रखकर चूसे व आधा टैबलेट डिस्प्रिन लेने के साथ डाक्टर से सम्पर्क करे और उपचार कराये। वे रविवार को नगर के एमएस पैरामेडिकल कालेज पालिटेकनिक चौराहा इलाहाबाद रोड पंजाब बैक के बगल में भारत समाज विकास ट्रस्ट द्वारा आयोजित निःशुल्क हृदय रोग के जांच शिविर के दौरान बड़ी संख्या में एकत्रित रोगियों को सम्बोधित कर रहे थे । एक सवाल के जबाब में उन्होने बताया कि बच्चे और कम उम्र के लोग भी बढ़े ब्लड प्रेंसर और हार्ट के रोग से ग्रसित मिल रहे हैँ.युवकों मे इसका मुख्य कारण विभिन्न कारणों से तनाव मेें रहना है। गलत खान पान, तनाव और अधिक तेल घी में बने खाद्य पदार्थो के सेवन से हृदय के रोग बढ़ते जा रहे है इसकी चपेट में कम आयु के लोग भी आ रहे है। इन सबसे बचने की जरूरत है और सकारात्मक जीवन जीने, नियमित दिनचर्या सही जीवन शैली तथा मार्निग वाक करने से हार्ट रोग की चपेट में आने से बचा जा सकता है। उन्होने कहा कि जिन लोगों को हार्ट अटैक हो चुका है। वे चिकित्सकों की सलाह पर नियमित दवायें लें, ब्लड प्रेसर सामान्य रखने का प्रयास करे, नमक हल्का लें, शराब सिगरेट का सेवन कत्तई न करे, नींद पूरी ले और तनाव से बचे और व्यायाम करें और सकारात्मक जीवन व्यतीत करें। उन्होने कहा कि 60 साल से अधिक लोगों को हार्ट की बीमारी से बचने के लिए वसायुक्त खाद्य पदार्थो का प्रयोग ने करें। इससे कोलेस्ट्राल के स्तर में वृद्धि होती है। जिससे धमनियों में रूकावट हो सकती है। पौष्टिक खाद्य पदार्थो का सेवन करे । उन्होने कहा कि आयु अधिक होने पर खान पान में नियंत्रण रखें, शिविर में डा0 नीरज प्रकाश सिंह ने कुल 90 मरीज देखे गये और परामर्ष दिया गया। हार्ट सर्जरी में गोल्ड मैडलिस्ट सर्जन ने शिविर में मेडिकल कालेज कानपुर से आपरेशन करा कर ओपेन हार्ट सर्जरी से जुड़े पुराने दो दर्जन से अधिक केस देखा भी देखा। इस अवसर पर निःशुल्क इसीजी , आवश्यक खून की जांच गयी तथा उपलब्ध दवायें वितरित की गयी। ट्रस्ट के पदाधिकारी ने बताया कि यह शिविर हर माह के दूसरे रविवार को निरन्तर लगता रहेगा।

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