आलोक वर्मा, जौनपुर ब्यूरो,
चुनावी माहौल ठंडा पड़ा, नहीं दिख रहा है कार्यकर्ताओं में जोश
जौनपुर। लोकसभा चुनाव का पूरे देश में शोर है लेकिन जौनपुर शांत है, मतदाता खमोश है और पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश व जज्बे की कमी दिखाई पड़ रही है। यह हालत चुनाव की शुरूआत दौर से रही लेकिन बीच में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को बसपा का उम्मीदवार घोषित होने के बाद अचानक राजनीतिक माहौल गर्म हो गया था बसपा नेताओं कार्यकर्ताओं और धनंजय के समर्थक उत्साहित थे हो हल्ला हो रहा था चट्टी चौराहो पर गर्मागरम बहस चल रही थी लेकिन श्रीकला का टिकट कटने के बाद से एक बार फिर राजनीतिक गलियारा शांत हो गया है।
मतदाताओं की खमोशी से राजनीति के पण्डितों की नींद उड़ गयी है। कोई यह स्पष्ट कर पा रहा है कि आखिर क्यों राजनीतिक गलियारा शिमला की तरह ठण्डा पड़ा है।
चुनावी विगुल बजने के साथ ही जिले में हो हल्ला शुरू हो जाता था शहर से लेकर गांव गांव तक के घरो पर पंसदीदा पार्टियों के झण्डे लहराने लगते थे , सभी राजनीतिक पार्टियांे के नेता कार्यकर्ता अपने प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगने के लिए सुबह से ही घरो से निकल जाते थे देर रात चुनाव प्रचार करके वापस घर लौटते रहे है। हर तरफ नेताओं व कार्यकर्ताओं का हुजुम पार्टी और प्रत्याशी का जिन्दा बाद के नारे लगाते थे। तमाम मतदाता भी खुलकर बोलते थे तो कोई इशारे में अपना मत प्रर्दशित कर देते थे जिससे यह अस्पष्ट हो जाता था कि कौन पार्टी आगे है किसके- किसके बीच मुकाबला चल रहा है
लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में ऐसे कुछ नही है मतदाता चुप्पी साधे हुए है उधर पार्टियों के कार्यकर्ताओं में कोई जोश दिखाई नही पड़ रहा है। जो कर्मठ कार्यकर्ता है वो तो पार्टी व प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार कर रहे है लेकिन जोश गायब है। समाजवादी पार्टी के नेताओ कार्यकर्ताओं में कुछ हद तक उत्साह दिखाई पड़ रहा है लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं में वह उत्साह नही दिख रहा है जो पूर्व की चुनावों में दिखता था। हालत यह है कि अभी तमाम नेताओं व कार्यकर्ताओं के घरों से झण्डे भी गायब है।