विश्व के सबसे लोकप्रिय राजनेता का सबसे लंबा गैरराजनीतिक कार्यक्रम है ‘मन की बात’ : ज्ञान प्रकाश सिंह

आलोक वर्मा जौनपुर,

विश्व के सबसे लोकप्रिय राजनेता का सबसे लंबा गैरराजनीतिक कार्यक्रम है ‘मन की बात’ : ज्ञान प्रकाश सिंह

जौनपुर मन की बात’ कार्यक्रम से यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की अंतिम जनता तक अपनी पहुँच बना रहे हैं । सफल लोकतंत्र की स्थापना के लिए जनता-जनार्दन को अपने साथ जोड़ना सबसे महत्त्वपूर्ण है । ‘मन की बात’ कार्यक्रम अपने विविध प्रसारणों के माध्यम से देश को एक मंच पर जोड़ने का काम करती है । मन की बात’ को यदि एक वाक्य में समझना हो, तो उसे हम इस तरह समझ सकते हैं कि इस कार्यक्रम ने आधुनिक कम्युनिकेशन के सारे प्लेटफॉर्म्स को अपनाते हुए विचार-विनिमय का सबसे उत्कृष्ट मानदंड स्थापित किया है मोदी ने ट्विटर से लेकर लगभग मृत हो चुकी रेडियो तक में संवाद किया और लोगों ने मोदी को हर एक माध्यम से सुना। इस प्रकार मोदी भारत के हर कोने की जनता से सीधे-सीधे जुड़कर, उनकी भाषा, बोली, संस्कृति पर उनसे संवाद कर आज के समय में विश्व के सबसे लोकप्रिय राजनेता के रूप में सामने आए हैं। मोदी जी ने भारत की राजनीति के केंद्र में कम्युनिकेशन की भूमिका को फिर से रेलेवेंट बनाया है। इससे भारत में ‘पॉडकास्ट’ को बढ़ावा मिला है और लोग एक दूसरे से बात करने की ओर अग्रसर हुए हैं।
कम्युनिकेशन केवल भाषा के द्वारा ही नहीं होता है। पोशाक, रहन सहन भी सामाजिक जीवन में कम्युनिकेशन के माध्यम होते हैं। आप सब जानते हैं कि गाँधी ने ‘गाँधी टोपी’ को कितना लोकप्रिय बना दिया था । गाँधी के सौ साल बाद मोदी के व्यक्तित्व ने उसी प्रकार ‘मोदी जैकेट’ को जनप्रिय बना दिया है। यह एक नेता के सामाजिक इम्पैक्ट को दिखाता है कि आम जनता उनके साथ कितना आत्मीय होकर जुड़ाव महसूस करता है। इतना ही नहीं, मोदी अपने भाषणों में भी जनता से कम्युनिकेट करते हैं। वे जनता से सवाल पूछते हैं, और जनता उनका जवाब देकर उनमें अपनी आस्था दिखाती है। ‘मन की बात’ में कश्मीर से कन्याकुमारी और पूर्वोत्तर से पंजाब तक का समूचा भारत होता है । इसीलिए, यह कार्यक्रम अखिल भारतीय अपील का अभूतपूर्व कार्य करता है। ‘मन की बात’ में ‘नए भारत’ को लेकर प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण स्पष्ट नजर आता है, जिसमें उन्होंने अंतरिक्ष से लेकर आयुष तक विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न इन्नोवेशन और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित किया। मन की बात युवाओं को प्रेरित करने वाला प्रमुख कार्यक्रम रहा है। मोदी जी ने जुलाई 2021 के संस्करण में उल्लेख भी किया है कि इस कार्यक्रम के बारे में 75 प्रतिशत सुझाव 35 वर्ष से कम उम्र वाले युवाओं के रहे। ‘मन की बात’ एक कार्यक्रम ही नहीं है, बल्कि यह मोदी जी के साथ जनता का संवाद है । मोदी जी पूरे महीने जनता से उनके विचार और i एप्प पर सुनते हैं और ‘मन की बात’ के माध्यम से उन समस्याओं को नैरेट करते हैं । दूरदराज के क्षेत्रों के नागरिकों तक इस कार्यक्रम की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए एक टोल फ्री नंबर की सुविधा (1800-11-7800) भी दी गई है ताकि वे आगामी एपिसोड के लिए अपने विचारों और सुझावों को साझा कर सकें। इससे प्रधानमंत्री का जनता से सीधा संवाद स्थापित होता है । पहले एपिसोड के बाद से ही इसमें दो तरफा संवाद रहा है।मन की बात’ ने रेडिओ-कल्चर की सुनहरी याद को फिर से सजीव बना दिया है, जब लोग समाचार सुनकर, खेलों के प्रसारण सुनकर और सेना के जवान सीमाओं पर अपनी पसंदीदा गानों को ‘आपकी फरमाइश’ के माध्यम से सुनकर सुकून पाते थे । इस दृष्टि से ‘मन की बात’ बीते हुए दिन और तकनीक को फिर से जीवंत बनाने का माध्यम बनकर सामने आया है और, कम्युनिकेशन के माध्यम के रूप में ‘रेडिओ’ के रेलेवेंसी को फिर से स्थापित भी किया है ।
आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ का शुभारंभ 3 अक्‍टूबर 2014 को विजयादशमी के दिन हुआ था। इस कार्यक्रम की पहली कड़ी शुक्रवार को प्रसारित की गई थी। अप्रैल 2015 से इसे हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का अंग्रेजी संस्करण, 31 जनवरी 2016 को शुरू हुआ और 28 मई 2017 से इसका संस्कृत संस्करण शुरू किया गया । आकाशवाणी से 501 रेडियो स्‍टेशन से अंग्रेजी सहित 23 भाषाओं और 29 बोलियों में मन की बात का प्रसारण किया जाता है। यही नहीं 11 विदेशी भाषाओं में भी आकाशवाणी का विदेश सेवा प्रभा्ग इसका प्रसारण करता है। दूरदर्शन दिव्यांग लोगों के लिए सांकेतिक भाषा में भी ‘मन की बात’ भी प्रसारित करता है।इस कार्यक्रम के सौ एपिसोड तक की यात्रा में समाज की बेहतरी के लिए कार्य करने वाले 700 से अधिक लोगों और लगभग 270 संगठनों की उपलब्धियों की चर्चा हुई है। इस तरह, यह कार्यक्रम अनेक महत्त्वपूर्ण जनजागरण और सामाजिक बदलाव की प्रक्रिया का माध्‍यम बना है। ‘मन की बात’ विश्व में सबसे अधिक युवाओं के द्वारा पसंद किया जाने वाला रेडिओ-कार्यक्रम भी रहा है । रोहतक के एक सर्वे के अनुसार इस कार्यक्रम को सुनने एवं देखने वालों में 62% लोग 19-34 साल के युवा रहे हैं । इस कार्यक्रम की सोशल-आउटरिच काफी अच्छी दर्ज की गई है । इस कार्यक्रम से लगभग 23 करोड़ लोग हर एपिसोड में जुड़ा करते हैं । देश के लगभग 100 करोड़ लोगों ने कम से कम एक बार ‘मन की बात’ को सुना है । लगभग 41 करोड़ श्रोता इस कार्यक्रम के रेगुलर श्रोता हैं । इनमें से 44.7% श्रोता टेलीविजन और 37.6% श्रोता मोबाइल फ़ोन से इस कार्यक्रम से जुड़ते हैं ।कम्युनिकेशन की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी और शोधार्थी जानते हैं कि भारतीय संचार के इतिहास में रेडियो की कितनी दूरगामी भूमिका रही है । इस दृष्टिकोण से मोदी के इस अभिनव प्रयास के माध्यम से रेडियो को पुनर्जीवित किये जाने पर अकादमिक शोध होनी चाहिए मन की बात’ में समाज में रहते हुए जमीनी स्तर पर बदलाव लाने वालों का विशेष उल्‍लेख साफतौर पर दिखाई देता है। साथ ही समस्याओं को हल करने में उनके यूनिक और रचनात्मक दृष्टिकोण को भी महत्‍ता दी गई है। भारत के ‘सॉफ्ट पावर’ को बढ़ाने में मन की बात कार्यक्रम एक शक्तिशाली माध्‍यम साबित हुआ है । प्रधानमंत्री जिस कुशलता से कार्यक्रम की प्रस्तुति देते हैं, उससे हम सभी जनसेवकों को सीख लेने की आवश्यकता है । इसी कड़ी में ‘मन की बात’ के सौवें एपिसोड को अपने सहयोगियों और पार्टी-कार्यकर्ताओं के साथ सुना। नरेंद्र मोदी के द्वारा आत्मीय अंदाज में प्रस्तुत यह सौवाँ एपिसोड भावुक कर देने वाला था । मैं देश की आत्मा की आवाज ‘मन की बात’ के लिए नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूँ । वास्तव में यह प्रसारण विविधता में एकता व विविधता में विशिष्टता समेटे अपने देश के जनता-जनार्दन के ‘मन की बात’ है ।

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