ब्यूरो,
दिल्ली में मंगलवार को बजट पेश होना था, लेकिन आखिरी समय में इस पर गृह मंत्रालय ने रोक लगा दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उप राज्यपाल (LG) के जरिए गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से विज्ञापन समेत तीन मुद्दों पर जवाब मांगा था। इस पर दिल्ली सरकार ने अब तक कोई रिप्लाई नहीं किया। यानी बजट की फाइल फाइनल अप्रूवल के लिए भेजी ही नहीं।
दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री जी दिल्ली के लोगों से आप क्यों नाराज हैं। कृपया बजट मत रोकिए। केजरीवाल ने कहा कि देश के 75 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब दिल्ली में बजट पेश होने से एक दिन पहले केंद्र ने इस पर रोक लगा दी है। ये सीधे तौर पर केंद्र सरकार की गुंडागर्दी है। केजरीवाल के बयान पर दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG) ऑफिस ने स्टेटमेंट जारी किया। जिसमें बताया गया कि LG वीके सक्सेना ने बजट पास कर कुछ नोट्स जोड़कर उन्हें 9 मार्च को दिल्ली सरकार के पास भेज दिया था। दिल्ली सरकार ने फिर इसे राष्ट्रपति से अप्रूव कराने के लिए गृह मंत्रालय को भेजा।LG ऑफिस से स्टेटमेंट जारी होने के बाद फाइनेंस मिनिस्टर कैलाश गहलोत ने देर शाम बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने बजट को लेकर अपनी कुछ चिंता जाहिर की थीं और 17 मार्च को चीफ सेक्रेटरी को एक लेटर भेजकर बजट को अप्रूव करने से इनकार कर दिया था।
कैलाश गहलोत ने अपने बयान में कहा- अस्पष्ट कारणों के चलते दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने 3 दिन तक इस लेटर को अपने पास छिपाकर रखा। मुझे इस लेटर के बारे में सोमवार दोपहर 2 बजे पता चला है। मुझे शाम 6 बजे यह फाइल मिली है और हमने रात 9 बजे तक गृह मंत्रालय की सारी चिंताओं को लेकर अपना जवाब LG ऑफिस को भेज दिया था।
दिल्ली के बजट को लेट कराने में दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी और फाइनेंस सेक्रेटरी की भूमिका की जांच की जानी चाहिए। इस पर LG ऑफिस ने जवाब दिया कि हमें रात 9:25 बजे फाइल मिली और LG के अप्रूवल के बाद इसे 10.05 बजे मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया गया था।