ब्यूरो,
अनब्रांडेड खाद्य पदार्थ जैसे दाल, चावल, आटा, गेहूं समेत सभी अनाज पर सोमवार से लागू 5 प्रतिशत जीएसटी का असर रेस्टाेरेंटों-होटलों में थाली पर नजर आने लगा है। बाजार ने 10 दिन पहले ही कीमतें बढ़ा ली थीं।
अनब्रांडेड खाद्य पदार्थ जैसे दाल, चावल, आटा, गेहूं समेत सभी अनाज पर सोमवार से लागू 5 प्रतिशत जीएसटी से तत्काल में कोई असर नहीं दिखा है। 28 जून को जीएसटी बढ़ने की आहट के साथ ही कारोबारियों ने आटा, दाल, सूजी, मैदा से लेकर अन्य अनब्रांडेड खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी थी।
10 दिन पहले और सोमवार के रेट में देखें तो कीमतों में 5 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी दिख रही है, लेकिन 24 घंटे में कीमतों पर कोई असर नहीं है। वहीं, खाद्य पदार्थों की बढ़ी कीमतों का असर रेस्टोरेंट और होटलों में खाने की थाली पर दिखने लगा है।
अनब्रांडेड खाद्य पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की सूचना 28 जून से ही कारोबारियों के व्हाट्सएप ग्रूपों में वायरल होने लगी थीं। जुलाई के पहले सप्ताह में खबर की पुष्टि होने के बाद से ही खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी आने लगी थी। सोयाबीन को छोड़ दें तो आटा, दाल, मैदा, सूजी, चना, चना दाल के साथ अन्य सभी वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी होने लगी थी। 15 जुलाई के बाद से कीमतें करीब-करीब स्थिर हैं। सोमवार को महेवा से लेकर साहबगंज मंडी में जीएसटी को लेकर व्यापारियों में खूब चर्चा रही।
हालांकि खाद्य पदार्थ की कीमतें बढ़ने की और भी वजहें हैं। चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष संजय सिंघानिया का कहना है कि ‘खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ने के पीछे जीएसटी बड़ी वजह है ही, लेकिन मानसून को लेकर संशय से भी कीमतें बढ़ रही हैं। कुछ प्रदेशों में बाढ़ की स्थिति है तो यूपी जैसे कई राज्यों में सूखे के हालात हैं। इसे देखते हुए भी कीमतें बढ़ी हैं।’
आटा, मैदा, सूजी की कीमतों में बढ़ोतरी का असर पास्ता, मैकरोनी, सेंवई से लेकर पापड़ आदि पर साफ दिख रहा है। इन वस्तुओं की कीमतों में पिछले 12 दिनों में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। चेंबर ऑफ टेडर्स के अध्यक्ष अनूप किशोर अग्रवाल का कहना है कि 12 दिन पहले 25 किलो पास्ता के पैकेट की कीमत 850 रुपये थी, जो 950 रुपये हो गई है। इसी तरह सेंवई थोक में 70 से 75 रुपये किलो था, जो 80 से 82 रुपये पहुंच गया है।
1000 रुपये से कम के कमरों पर जीएसटी: सोमवार से होटलों और धर्मशाला में 1000 रुपये से कम के कमरों पर 12 फीसदी जीएसटी लागू होने से आम लोगों का ठहरना महंगा हो गया है। रेलवे स्टेशन पर होटल संचालित करने वाले राजेश कुमार का कहना है कि 700 से 800 रुपये में कमरा उपलब्ध था। अब बिल 12 फीसदी जीएसटी जोड़ कर दिया जा रहा है।
कानपुर से बिजनेश के काम से आए गनेश गुप्ता रेलवे स्टेशन के एक होटल में ठहरे हैं। उनका कहना है कि पहले 600 रुपये के कमरे में ठहरते थे। अब इसी कमरा का 672 रुपये देना पड़ रहा है। स्टैडर्ड होटल के एमडी विशाल श्रीवास्तव का कहना है कि होटल में 1000 रुपये से अधिक के ही कमरे हैं। लेकिन खाद्य पदार्थों की कीमतों का असर रेस्टोरेंट के खाने पर पड़ रहा है। खाद्य तेल छोड़ दें सभी वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं। शहर के प्रमुख होटल कारोबारी ध्रुव श्रीवास्तव का कहना है कि होटल कारोबारियों को कोई नुकसान नहीं है। लेकिन नई दरों का असर आम आदमी पर पड़ेगा।
सेण्ट्रल बैंक के क्षेत्रीय प्रमुख एलबी झा ने बताया कि अब बैंक खाताधारकों को चेकबुक की सुविधा के लिए अधिक पैसा खर्च करना पड़ेगा। केन्द्र सरकार ने चेकबुक की सुविधा लेने वाले खाताधारकों से 5 फीसदी की बजाय 18 फीसदी जीएसटी लेने के निर्देश दिए है।
ऐसे में अब चेकबुक की सुविधा थोड़ी महंगी होगी। मसलन 50 पन्ने के चेकबुक पर पहले खाताधारकों से सर्विस चार्ज के रूप में 105 रुपये लिए जाते थे। अब नए निर्देश के मुताबिक खाताधारकों को 118 रुपये देने पड़ेंगे। इसी प्रकार अधिक पन्नों वाले चेकबुक पर निर्धारित सर्विस शुल्क की बजाय अधिक रुपये खर्च करने पड़ेंगे। ग्राहक इससे बचने के लिए डिजिटल पेमेंट को तरजीह देंगे।
जब जीएसटी लागू हुआ था तो सरकार ने ऊर्जा बचत के लिए एलईडी बल्ब को करमुक्त रखा था। जिससे कीमतों पर काफी असर पड़ा था। सोमवार से एलईडी बल्ब को 12 फीसदी के स्लैब से 18 फीसदी वाले में कर दिया गया। इलेक्ट्रिक उत्पादों के प्रमुख कारोबारी आनंद रूंगटा का कहना है कि कल तक हजार रुपये में मिलने वाला एलईडी बल्ब 1060 रुपये का हो गया है। ग्राहकों को महंगाई की मार पड़ी है। अब सभी प्रकार के बल्ब एलईडी ही आ रहे हैं, ऐसे में कीमतों का असर सभी वस्तुओं पर पड़ रहा है।
सर्जरी उपकरण होंगे सस्ते, 12 जीएसटी
आईएमए के कोषाध्यक्ष डॉ.अजय शुक्ला ने बताया कि सरकार का कदम राहत भरा है। जिले में ज्यादातर अस्पतालों में प्राइवेट कमरों के चार्ज बेहद कम है। 5000 रुपये के चार्ज वाले कमरे हैं ही नहीं। ऐसे में जीएसटी लगने का सवाल ही नहीं होता। उन्होंने बताया कि सर्जरी के उपकरण जरूर जीएसटी में 18 परसेंट के रेंज में थे। जिन्हें अब 12 पर्सेंट किया गया है। इसमें डायलिसिस के उपकरण, बेड, पैथोलॉजी रेडियोलॉजी जांच की महंगी मशीनें शामिल है। इस पर जीएसटी कम होने से मरीजों को राहत मिलेगी।
खाद्य सामग्री की कीमतें इस तरह बढ़ीं
खाद्य सामग्री 8 जुलाई को रेट 18 जुलाई का रेट
आटा 2410 रुपये कुंतल 2610 रुपये कुंतल
चावल स्टीम 3100 रुपये कुंतल 4000 रुपये कुंतल
सूजी 2550 रुपये कुंतल 2720 रुपये कुंतल
मैदा 2400 रुपये कुंतल 2750 रुपये कुंतल
सोयाबीन बोरे वाला 1750 रुपये प्रति 20 किलो 1620 रुपये प्रति 20 किलो
दाल अरहर 85 से 91 रुपये प्रति किलो 95 से 102 रुपये प्रति किलो
दाल चना पहले 53 किलो प्रति किलो 59 रुपये प्रति किलो