ब्यूरो,
दिल्ली सरकार ने फैसला किया कि वह एक जनवरी, 2022 को 10 साल पूरे करने वाले सभी डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर देगी। वर्धमान कौशिक बनाम भारत संघ और अन्य [2014 के ओए नंबर 21 और 2014 के 94] मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के 2016 के आदेश के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।(
🟤 इस मामले में ट्रिब्यूनल ने 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के रजिस्ट्रेशन और चलने पर प्रतिबंध से संबंधित कुछ निर्देश जारी किए थे।
⚫गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि परिवहन विभाग ने पहले ही कई वाहनों को डी-रजिस्टर्ड कर दिया है। हालांकि, इस बीच 10 से अधिक वाहनों को पूरा करने वाले डीजल वाहनों का एक नया सेट दिल्ली में साल डी-रजिस्टर्ड के कारण है।
🔵तदनुसार, परिवहन विभाग के आदेश में कहा गया कि वह दिल्ली में 01.01.2022 को ऐसे सभी डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर देगा, जिन्होंने उस तारीख को 10 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
हालांकि, डीजल और पेट्रोल वाहनों के लिए एक अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) निम्नानुसार जारी किया जाएगा:
🟣एनओसी के लिए आवेदन करने की तारीख को 15 साल या उससे अधिक पूरे कर चुके डीजल वाहनों के लिए कोई एनओसी जारी नहीं किया जाएगा।
देश में कहीं भी 10 साल/15 साल से कम पुराने पेट्रोल वाहनों के डीजल वाहनों के लिए एनओसी जारी की जा सकती है।
🛑10 साल से ऊपर के डीजल वाहनों और 15 साल से ऊपर के पेट्रोल वाहनों के लिए एनओसी अन्य राज्यों के लिए इस शर्त के अधीन जारी किया जाएगा कि एनजीटी के आदेश के अनुसार प्रतिबंधित क्षेत्रों के रूप में राज्यों द्वारा चिन्हित स्थानों के लिए ऐसी एनओसी जारी नहीं की जाएगी, जिसने राज्यों को उन क्षेत्रों की पहचान करने का निर्देश दिया था जहां हवा का फैलाव अधिक है और वाहनों का घनत्व सबसे कम है।
🔴परिवहन विभाग के आदेश में आगे कहा गया कि वाहन मालिकों के पास अपने 10 साल पुराने डीजल/15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने का विकल्प होगा। अगर वे अपने वाहनों को दिल्ली के एनसीटी में चलाना चाहते हैं।
🟠हालांकि, पैनल में लगे इलेक्ट्रिक किट वाले ऐसे वाहनों का रेट्रो फिटमेंट परिवहन विभाग द्वारा अनुमोदित एजेंसियों के माध्यम से करवाना होगा। इलेक्ट्रिक किट के लिए पैनल बनाने की प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है।
अन्य सभी मामलों में 10 साल से अधिक पुराने (डीजल) और 15 साल पुराने (पेट्रोल) वाहनों को स्क्रैप करने का एकमात्र सहारा होगा, आदेश में कहा गया है।