ब्यूरो,
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार ने ग्राम प्रधानों को बड़ा तोहफा दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश ग्राम उत्कर्ष समारोह में प्रधानों के मानदेय की राशि बढ़ाने का ऐलान किया है। जानें मुख्यमंत्री द्वारा ग्राम पंचायत सम्मेलन में की गई घोषणा-
1. मानदेय में :
(i) ग्राम प्रधान 3500 से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति महीना
(ii) प्रमुख क्षेत्र पंचायत- 9800 से बढ़ाकर 11300 रुपये प्रति महीना
(iii) अध्यक्ष, जिला पंचायत 14000 से बढ़ाकर 15500 रुपये प्रति महीना
(iv) जिला पंचायत सदस्य का 1000 प्रति बैठक से बढ़ाकर 1500 रुपये प्रति बैठक साल में (अधिकतम 6 बैठक)
(v) क्षेत्र पंचायत सदस्य का 500 प्रति बैठक से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति बैठक साल में (अधिकतम 6 बैठक)
(vi) सदस्य, ग्राम पंचायत का पहले कोई मानदेय नहीं था। अब 100 रुपये प्रति बैठक का प्राविधान किया गया है साल में (अधिकतम 12 बैठक)
मानदेय की धनराशि राज्य स्तर पर पृथक्कर शेष राज्य वित्त आयोग की राशि का वितरण ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत के मध्य किया जाएगा। मानदेय की धनराशि आवश्यकतानुसार पंचायतों को अवमुक्त की जाएगी।
2. परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत के वित्तीय प्रशासनिक एवं तकनीकी अधिकारों में वृद्धि :
(i) प्रति कार्य दो लाख की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये।
(ii) जिला पंचायतों के लिए वर्तमान 10 लाख की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये किया गया है।
3. प्रशासनिक व तकनीकी अधिकारों में वृद्धि :
ग्राम पंचायतें अपनी परियोजनाओं का स्टीमेट बनाने / एम.बी. कराने का कार्य विकास खण्ड के नामित अभियंता के अतिरिक्त जनपद में कार्यरत लोक निर्माण विभाग, आवास एवं विकास परिषद, विकास प्राधिकरण, सिंचाई विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, लघु सिंचाई विभाग, मंडी समिति, जिला पंचायत के अवर अभियंता, जल निगम के अवर अभियंता / सहायक अभियंता करा सकते हैं।
4. पंचायती राज निदेशालय द्वारा जनपदों के लिए तैयार किए जाने वाले सिविल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा, डिग्री होल्डर, रजिस्टर्ड आर्कीटेक्ट के पैनल द्वारा भी निर्धारित फीस पर स्टीमेट बनाने / एम.बी. कराने का कार्य करा सकती हैं।
5. कार्य प्रणाली में सुधार : भौगौलिक रूप से समीपवर्ती एवं परस्पर सटी हुई ग्राम पंचायतों में सचिवों की तैनाती की जाएगी, इसके लिए पूरे प्रदेश में लगभग 15,000 क्लस्टर बनाए गए हैं।
6. ग्राम पंचायत कोष की स्थापना : पंचायत प्रतिनिधियों के पद पर रहने के दौरान यदि मृत्यु होती हैं तो ग्राम प्रधान, प्रमुख क्षेत्र पंचायत एवं अध्यक्ष, जिला पंचायत को 10 लाख रुपये, सदस्य, जिला पंचायत को 5 लाख रुपये, सदस्य, क्षेत्र पंचायत को 3 लाख रुपये एवं सदस्य, ग्राम पंचायत को 2 लाख रुपये की राशि मृतक के आश्रित को प्रदान की जाएगी।
7. मनरेगा में ग्राम पंचायतों द्वारा भुगतान : अगले तीन महीने के अंदर मनरेगा योजना में मजदूरी व मैटेरियल के भुगतान, ग्राम प्रधान के डिजिटल सिग्नेचर से सम्पादित करने की व्यवस्था (अभी यह कार्य ब्लॉक स्तर से किया जाता है) प्रदेश के 02 विकास खण्डों (मोहनलालगंज-लखनऊ एवं अहिरोरी-हरदोई) में इनका पायलट प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वयन किया जा रहा है।
8. जिला योजना समिति में भागीदारी : जिला योजना समिति में 2-2 ग्राम प्रधान चक्रानुक्रम में एक वर्ष के लिए जिलाधिकारी द्वारा नामित किए जाएंगे।
9. जिला प्रशासन से संवाद का प्लेटफार्म : प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रत्येक तीन माह में एक बार ग्राम प्रधान / पंचायत प्रतिनिधि के साथ बैठक कर इनके सुझाव लेते हुए समस्याओं का निराकरण करेंगे।