ब्यूरो,
सीएम योगी ने बुधवार को कानपुर मेट्रो के ट्रायल रन का शुभारंभ बटन दबाकर किया। इस मौके पर उन्होंने निर्धारित समय से पहले आज ट्रायल रन शुरू होने पर प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी और कहा कि अगले चार-छह हफ्तों में यह सेवा नियमित रूप से शुरू हो जाएगी। सम्बोधन से पहले सीएम योगी ने प्रदेश सरकार के मंत्री सतीश महाना और जयप्रताप सिंह के साथ मेट्रो में सफर भी किया।
सीएम ने कहा कि कानपुर अब मेट्रो सिटी बन गया है। उनकी सरकार ने 2019 में इस योजना की शुरुआत की थी। आज निर्धारित समय के पहले ट्रायल रन शुरू हो गया है। ट्रायल रन के बाद अगले एक से डेढ़ महीने में पीएम मोदी के हाथों कानपुर वासियों को इस सेवा की सौगात मिलेगी। अगले चार-छह हफ्तों में ट्रायल रन और अन्य औपचारिकताओं को पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने ट्रायल रन के लिए योजना में सहयोग करने वाले केंद्र सरकार के अधिकारियों को धन्यवाद दिया और उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन के अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी। सीएम ने कहा कि कोरोना काल में मेट्रो के काम की शुरुआत और उसे पूरा करना बहुत बड़ी उपलब्धि है। सीएम ने बताया कि कानपुर मेट्रो में पहले फेज़ में लगभग 9 किमी का कार्य पूरा हुआ है जिसमें 9 स्टेशन हैं। कानपुर में मेट्रो सेवा शुरू होने के बाद उत्तर प्रदेश पहला राज्य होगा जिसमें 5 शहरों में मेट्रो सेवा होगी। कानपुर अगले एक से डेढ़ महीने के अंदर इस सुविधा से जुड़ जाएगा।
सीएम योगी ने कहा कि कानपुर में बहुत पहले यह सेवा शुरू हो जानी चाहिए थी। यह देश का प्रमुख औद्योगिक शहर है। पिछली सरकारें जरा भी प्रयास करतीं तो केंद्र सरकार इतनी तत्पर थी कि कानपुर वासियों को वर्षों पहले यह सुविधा मिल जाती लेकिन पिछली सरकारें पूरी तरह उदासीन रहीं। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद तेजी से प्रयास हुए और अब कानपुर के लोगों को यह सुविधा मिलने जा रही हैै।
इस दौरान यूपीएमआरसी यूपीएमआरसी के चेयरमैन एवं केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रदेश के प्रमुख सचिव आवास एवं नगर नियोजन दीपक कुमार और यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव भी मौजूद रहे। आज शुभारंभ के बाद अगले चार-छह हफ्ते तक मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रिसर्च डिजाइन स्टैंडर्स ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) के साथ जारी रहेगा। इस समयावधि में ट्रेन के सस्पेंशन और परिचालन के दौरान ट्रेन की बॉडी में आने वाले वाइब्रेशन, ब्रेक्स और गति आदि के संबंध में परीक्षण होगा। परीक्षण पूरा होने के बाद मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त से अनुमोदन प्राप्त करने की कवायद होगी।