सोनौली बार्डर पर तस्‍करी का खेल तेज

ब्यूरो,

17 महीने बाद खुले इंडो-नेपाल के सोनौली बार्डर से तस्करी का खेल फिर से शुरू हो गया है। सुरक्षा कर्मियों के आंख मूंदने से तस्करों की कमाई बढ़ गई है। वह मालामाल हो रहे हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है। बेखौफ तस्करी के पीछे की खास बात यह है कि यहां अवैध सामानों की ढुलाई के लिए रेट लिस्ट फिक्स कर दिया गया है। नेपाल से भारत या भारत से नेपाल सीमा से सटे उनके गोदाम पर तस्करी का सामान पहुंचाने के बदले कैरियरों को रेट लिस्ट के हिसाब से मजदूरी मिल रही है। 

नेपाल से एक पेटी फेयर एंड लवली भारतीय सीमा में लाने के लिए 80 रुपये, कलोजप पेस्ट 110,पॉड्स पाउडर 150 रुपए, सुपारी 6 रुपये किलो, छुहारा 6 रुपए किलो, काली मिर्च 6 रुपए किलो आदि सामानों का भी इसी तरह रेट है। वहीं भारत से नेपाल एक झोला कपड़ा का 100 रुपया में सीमा पार हो रहा है। 

सोनौली बार्डर पर तस्करी के काम में दर्जनों नाबालिग लड़के और लड़कियां को शामिल किया गया है। इन बच्चों ने बताया कि सिर्फ सीमा पर समान पार कराना होता है। इसके बदले जिस से रोजाना वह 509 से 800 रुपये कमा लेते हैं। तस्कर तस्करी में लिप्त बच्चो को सिगरेट, शराब, गुटखा आदि का लालच दे कर इनको बर्बाद कर रहे हैं। वही दूर दराज के विकलांग, विधवा महिलाओ से भी तस्कर तस्करी करवाया जा रहा है, ताकि सुरक्षा से जुड़े लोगों को इन पर रहम आये और तस्करी चलती रहे।  इस मामले में सोनौली कोतवाल शशांक शेखर राय ने बताया कि सरहद पर चौकसी अधिक है। एसएसबी के साथ समन्वय बनाकर जांच जारी है। तस्करी से संबंधित जो भी मामले में मिलेंगे, कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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