जौनपुर के ऐतिहासिक शाही पुल का अस्तित्व खतरे में

ब्यूरो,

जौनपुर के ऐतिहासिक शाही पुल का अस्तित्व खतरे में, बुर्जियों पर व्यापारियों ने जमा लिया है कब्जा प्रशासन उदासीन

जौनपुर

उत्तर प्रदेश पुरातत्व विभाग की लापरवाही के करण अकबर के द्वारा जौनपुर में बनवाया गया शाही पुल का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है. पुल पर बनी बुर्जियों पर व्यापारियों ने कब्जा जमाकर दुकाने खोल रखी है और दरारों में पीपल और बरगद के पेड़ो का साम्राज्य हो गया है.

बुर्जियों पर दुकानदारों ने कर लिया है कब्जा
जौनपुर नगर को दो भागों में बाटने वाली इस अद्भूत पुल का निर्माण अकबर के आदेश पर मुइनखानखाना ने 1564 ई में कराया था. पुल की बनावट भारतीय संस्कृति और हिन्दू मुस्लिम शैली से बनाई गई है. पुल के दोनों तरफ मंदिर मस्जिद का निमार्ण कराया गया हैं. हिन्दू पूंजा पाठ करते है और मुसलमान नमाज अदा करते हैं.

इस पुल को इतना मजबूत बनाया गया हैं कि पांच सौ वर्षो में सैकड़ो बाढ़ और तुफान भी इसका बाल बाका तक नहीं कर सकी हैं. लेकिन, अब सरकारी मशीनरियों के उपेक्षा के चलते इस ऐतिहासिक इमारत पर संकट के बादल मडराने लगे हैं. पुल की दरारों में पेड़ पौधे उग आए हैं. राहगीरों और नगरवासियों के ठहरने के लिए बनी बुर्जियों पर दुकानदारों ने कब्जा कर लिया हैं.

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