संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने मंगलवार को धार्मिक नेताओं से ऐसे ”गलत और हानिकारक संदेशों को चुनौती देने का अनुरोध किया जो दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस महामारी के बीच जातीय-राष्ट्रवाद, भ्रांतियों, घृणा भाषण और संघर्षों को हवा दे रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने पर धार्मिक नेताओं की भूमिका पर आयोजित एक वीडियो बैठक में आगाह किया कि चरमपंथी और कट्टरपंथी समूह नेतृत्व पर भरोसे में कमी का और अपने हितों की पूर्ति के लिए लोगों की कमजोरी का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने धार्मिक नेताओं से मानवाधिकारों तथा मानवीय प्रतिष्ठा पर आधारित एकजुटता का प्रचार करने का आह्वान किया।
गुतारेस ने कहा कि धार्मिक नेता अपने समुदायों में अहम भूमिका निभा सकते हैं और न केवल इस वैश्विक महामारी से निपटने बल्कि इससे बेहतर तरीके से उबरने के हल भी तलाश सकते हैं। वे सभी समुदायों को ”अहिंसा को बढ़ावा देने तथा विदेशियों के प्रति द्वेष भाव, नस्लवाद तथा असहिष्णुता के सभी रूपों को खारिज कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने धार्मिक नेताओं से अपने नेटवर्कों का इस्तेमाल कर कोविड-19 के बारे में गलत तथा भ्रामक सूचना के खिलाफ लड़ने तथा कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी और स्वच्छता समेत विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित कदमों का प्रचार करने का आह्वान किया।