अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो किया उससे सबसे ज्यादा नुकसान भारत को पहुंचेगा?

ब्यूरो नेटवर्क

अमेरिका ने अफगानिस्तान में जो किया उससे सबसे ज्यादा नुकसान भारत को पहुंचेगा?

काबुल हवाई अड्डा हमला और अफगानिस्तान से अमेरिका का जाना अमेरिकी विदेश नीति की सबसे बड़ी विफलताओं में से गिना जाएगा और इस पर सालों बहस होगी। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के संभावित उत्तराधिकारी अर्मिन लास्केट ने इसे ‘नाटो की स्थापना के बाद से सबसे बड़ी हार’ बताया है। इतिहासकार इस बात से परेशान होते रहेंगे कि कैसे दुनिया की सबसे बड़ी ताकत तालिबान से दो दशक तक युद्ध करती रही और अंत में उसे सत्ता सौंप लौटकर चली गई।

अफगानिस्तान की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए इस पूरे घटनाक्रम का असर मध्य एशिया से लेकर दक्षिण एशिया तक रहेगा। यह ध्यान देने बात है कि अमेरिका ने चीन पर फोकस करने के लिए अफगानिस्तान से वापसी को उचित ठहराया है। लेकिन सच ये है कि अफगानिस्तान से हटकर अमेरिका ने चीन को एक खुला मैदान दे दिया है। चीन, रूस, पाकिस्तान और ईरान जैसे देश मिलकर इसका इस्तेमाल अमेरिका के खिलाफ करेंगे।

अब बात भारत की

डिफेंस एक्सपर्ट ब्रह्मा चेलानी बताते हैं कि अफगानिस्तान से अमेरिका के जाने से भारत को बेहद नुकसान है और इसका अधिक असर भविष्य में दिखेगा। तालिबान, पाकिस्तान और चीन एक गठबंधन में आ रहे हैं। ऐसे में अफगानिस्तान के विकास में सबसे अधिक काम करने वाले भारत के रास्ते मुश्किल भरे हैं।

पिछले करीब डेढ़ साल से भारत और चीन स्टैंडऑफ की स्थिति में हैं। पाकिस्तान से आतंकी खतरे का सामना करने वाला भारत अब अफगानिस्तान से भी आतंकी खतरे को लेकर अलर्ट रहेगा। ऐसे में विस्तारवादी चीन का मुकाबला करने के लिए भारत की क्षमता कम नजर आती है। 

तालिबान के हाथ में सत्ता सौंपकर अमेरिका ने दुनिया भर के आतंकी ग्रुप्स को मजबूत कर दिया है। ख़ास कर मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के कई आतंकी ग्रुप्स फिर से एक्टिव हो सकते हैं और इसका सबसे बुरा असर भारत पर पड़ सकता है। अफगानिस्तान में अमेरिकी गलती का नुकसान अमेरिका से अधिक भारत जैसे देशों को होने वाला है।

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