ब्यूरो नेटवर्क
दिल्ली-वाराणसी वाया अयोध्या बुलेट ट्रेन परियोजना का सर्वे कार्य पूरा, ले-आउट पर मंथन
दिल्ली-वाराणसी वाया आगरा-लखनऊ और अयोध्या प्रस्तावित बुलेट ट्रेन की नवीन परियोजना का एरियल सर्वे पूरा हो गया है। यह परियोजना दिल्ली वाया लखनऊ-प्रयागराज होकर वाराणसी के बीच प्रस्तावित कारीडोर का ही अंग है, जिसे अयोध्या तक आगे बढ़ाने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है। इस परियोजना के सिलसिले में शुक्रवार को नेशनल हाईस्पीड रेल कारपोरेशन लि. (एनएचआरसीएल) की तकनीकी टीम यहां पहुंची। इस टीम ने अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) के सचिव एवं अयोध्या-2047 का विजन डाक्यूमेंट (दृष्टिपत्र) बनाने वाली ग्लोबल कंसल्टेंट एजेंसी के विशेषज्ञों के साथ संयुक्त बैठक की।
इस मौके पर एनएचआरसीएल के कार्यकारी निदेशक अनूप कुमार अग्रवाल ने अयोध्या विकास प्राधिकरण कार्यालय में बुलेट ट्रेन परियोजना का पावर प्वाइंट प्रजन्टेशन प्रस्तुत किया। इसके उपरांत विजन डाक्यूमेंट-2047 में प्रस्तावित योजनाओं और अयोध्या धाम महायोजना-2031 के प्रस्तावों के संदर्भ में आवश्यक जानकारियां हासिल कीं और आपस में विचार विनिमय किया। इसके पहले पूर्वाह्न करीब 10.30 बजे चार सदस्यीय तकनीकी टीम ने गंजा गांव में प्रस्तावित एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र का भ्रमण करके बुलेट ट्रेन के स्टेशन के लिए भूमि का भौतिक सत्यापन भी किया। इसके अतिरिक्त आवश्यक सर्वेक्षण भी किया।
शहर महायोजना-2031 में शामिल होगी बुलेट ट्रेन परियोजना
बैठक में विकास प्राधिकरण सचिव आरपी सिंह ने अयोध्या विजन 2047 के प्रस्तावित परियोजनाओं की जानकारी दी । इसके अन्तर्गत प्रस्तावित रिंग रोड, हेरिटेज जोन, इकोलॉजिकली सेंसिटिव जोन, एयरपोर्ट सिटी कनेक्टिविटी डेवलपमेंट प्लान आदि से एनएचआरसीएल की टीम को परिचित कराया। उन्होंने बताया कि सम्बन्धित बिंदुओं पर पूरी सूचना सम्बद्ध विभागों से प्राप्त कर उपलब्ध कराया जाएगा। बताया गया कि एडीए की ओर से बुलेट ट्रेन परियोजना को अयोध्या के शहर विकास की महायोजना 2031 में शामिल कर लिया जाएगा। अभी तक महायोजना को लेकर हुई बैठकों में बुलेट ट्रेन परियोजना की कोई चर्चा सामने नहीं आई थी।
एनएचआरसीएल शीघ्र रेल मंत्रालय को सौंपेगी डीपीआर
बैठक में बताया गया कि नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन जल्दी ही परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंप देगा। यह उम्मीद जताई गई कि इस परियोजना को धरातल पर आने में सात से आठ वर्ष का समय लगेगा। फिलहाल इस बुलेट ट्रेन परियोजना को वर्ष 2030 तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया गया है। जानकारी के अनुसार अयोध्या के लिए बुलेट ट्रेन ट्रैक को नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने की योजना है। जेवर में निर्माणाधीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल में ही बुलेट ट्रेन स्टेशन भी बनाने का प्रस्ताव है। इस बैठक में अयोध्या विजन 2047 से संबंधित ग्लोबल कन्सलटेंट एजेंसी ली एसोसिएट साउथ एशिया प्रा. लि. के चेयरमैन डा. ए. पन्नीरसेल्वम व सहायक नगर नियोजक नीलेश कटियार सहित अन्य विभागीय कार्मिक भी मौजूद रहे।