ब्यूरो नेटवर्क
आरबीएसके ने आठ साल के अंश को दिया नया जीवन
माता-पिता के चेहरे पर आई मुस्कान
• आरबीएसके के तहत जन्मजात हृदय रोग का हुआ निःशुल्क ऑपरेशन
• अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में करीब पाँच घंटे चली ओपन हर्ट सर्जरी
वाराणसी, 17 अगस्त 2021 –
चोलापुर ब्लॉक निवासी अजय कुमार पटेल व रीता के पुत्र अंश (8) का जन्मजात हृदय रोग/विकृति का सफलतापूर्वक इलाज हुआ, तो उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि बिना पैसे खर्च किए अंश का इलाज इतने बड़े अस्पताल में हो जाएगा । बीते शुक्रवार को अंश का इलाज राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में पूर्ण रूप से निःशुल्क हुआ । अब अंश को बुधवार (18 अगस्त) को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा । अंश के सफलतापूर्क इलाज में चोलापुर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरबी यादव के नेतृत्व में आरबीएसके टीम के लीडर डॉ अमित कुमार सिंह, डॉ प्रदीप जयसवाल, डॉ प्रदीप कुमार पांडे व डॉ प्रतिभा गुप्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ प्रदीप जयसवाल बताते हैं कि अंश के माता-पिता शुरुआत से ही उसके स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित थे, लेकिन वह कभी समझ नहीं पाये कि उनके बच्चे को जन्मजात हृदय रोग है।
करीब दो माह पहले अंश के माता-पिता ने आरबीएसके के तहत प्रशिक्षित शिक्षकों से मिले और उन्हें बताया कि कुछ भी काम करने से वह बहुत जल्दी थक जाता है। वह बाहर से पूर्ण रूप से स्वस्थ दिखता था, लेकिन अंदर से बेहद कमजोर था। इस पर शिक्षकों ने आरबीएसके टीम को जानकारी दी। तत्पश्चात आरबीएसके की टीम ने अंश की स्क्रीनिंग की और उसके माता-पिता को बताया कि अंश को जन्म से ही हृदय में समस्या है, जिसे अँग्रेजी में कंजीनाईटल हर्ट डीजीज कहते हैं, जिसके इलाज में करीब तीन लाख रुपये का खर्चा आता है। यह सुनकर अंश के माता-पिता के पैरों तले जमीन खिकस गयी। लेकिन जब उन्हें पता चला कि सरकार इसका इलाज मुफ्त में कराएगी तो उन्हें बेहद खुशी मिली ।
इसके बाद अंश को पं0 दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के हृदय रोग विशेषज्ञ को दिखाया गया, जहां उन्होने बताया कि अंश की ओपन हर्ट सर्जरी होगी। इसके लिए आरबीएसके के तहत अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज को चिन्हित किया गया है जहां अंश का इलाज किया जाएगा। इसके बाद आरबीएसके टीम ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह के निर्देशन में नोडल अधिकारी / एसीएमओ डॉ एके गुप्ता एवं डीईआईसी मैनेजर डॉ अभिषेक त्रिपाठी से अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के लिए संदर्भन पत्र मिला। डॉ एके गुप्ता बताते हैं कि कोरोना के कारण करीब दो साल बाद पहली सर्जरी हुई है। डॉ प्रदीप जयसवाल ने बताया कि अंश के इलाज की प्रक्रिया में लगभग दो माह लग गए तब जाकर उसकी सफलतापूर्क सर्जरी हो सकी। उन्होने बताया कि अंश की सर्जरी करीब पाँच घंटे तक चली। इस दौरान अंश को पाँच यूनिट खून भी चढ़ाया गया। अब जब अंश का इलाज पूरा हो चुका है तो उसके माता-पिता बेहद खुश हैं। इसके लिए उन्होने सरकार व स्वास्थ्य विभाग की टीम का दिल से धन्यवाद दिया। अब जल्द ही अंश पूर्णरूप से स्वस्थ और सामान्य बच्चों की तरह हो जाएगा।
सीएमओ डॉ वीबी सिंह ने कहा कि आरबीएसके, भारत सरकार बेहद खास स्वास्थ्य कार्यक्रम है जिसके तहत जन्मजात 39 प्रकार की विकृतियों/रोग का निःशुल्क इलाज किया जाता है। यदि किसी भी बच्चे को जन्म से ही किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या है तो वह अपने क्षेत्र की आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों के शिक्षकों या स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं।