ब्यूरो,
एम्बुलेंस की हड़ताल के लिए कर्मचारियों को बरगलाने वाले संघ के 11 पदाधिकारियों पर एस्मा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। जीवीके ने इस मामले में आशियाना थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। कम्पनी ने पुलिस अफसरों से कहा है कि आरोपी पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाये। वहीं एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय के मुताबिक हड़ताल वापस लिए जाने का दबाव बनाया जा रहा है। कम्पनी ने फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है।
प्रदेश में सरकारी एम्बुलेंस का संचालन जीवीकेईएमआरआई कर रही है। बीते दिनों एएलएस एम्बुलेंस के संचालन को लेकर टेंडर हुआ। दूसरी कंपनी को टेंडर मिला। तहरीर में कहा गया है कि एएलएस कर्मचारियों द्वारा नई कंपनी में नियोजन के मामले को स्पष्ट करने के लिए मांग उठाई। इसके बाद कर्मचारियों ने चक्का जाम कर दिया। इससे मरीजों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। जीवीके इएमआरआई के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी की संघ के 11 पदाधिकारियों को हड़ताल के लिए जिम्मेदार माना। इन्हें कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया है।
सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके ने एंबुलेंस कर्मचारी व संघ के अध्यक्ष हनुमान पांडेय, सुशील पांडेय, अभिषेक मिश्रा, बृजेश कुमार मिश्रा, शरद यादव, सलिल अवस्थी, सुनील सचान, मधुर मिश्रा, राघवेंद्र तिवारी, रितेश शुक्ला एवं दिनेश कौशिक के विरुद्ध कर्मचारियों को भड़काने, सरकारी सेवाओं में बाधा उत्पन्न करने एवं कोविड प्रोटोकाल के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। इस मामले में आईपीसी की धारा 188, 269,270, महामारी अधिनियम-3,4, आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम,1981-3,4,5,6 के तहत एफआईआर की गई है।