गाजियाबाद में 300 से अधिक कॉलोनियां अवैध…

गाजियाबाद में 300 से अधिक कॉलोनियां अवैध, यहां भूलकर भी न खरीदें प्लॉट

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) अवैध निर्माण को लेकर सख्त है। अब अवैध कॉलोनियों में लोग भूखंड या फ्लैट नहीं खरीदे, इसके लिए प्राधिकरण की वेबसाइट पर नए सिरे से अवैध कॉलोनियों की सूची अपलोड होगी, ताकि लोग इन अवैध कॉलोनियों में संपत्ति खरीदने के चक्कर में ना फंसे।

दो साल पहले आकाश नगर में पांच मंजिला इमारत ढहने के बाद जीडीए ने बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया था। उस वक्त प्राधिकरण ने प्रत्येक जोन में सर्वे कर 321 अवैध कॉलोनियों व उनके क्षेत्रफल के आधार पर एक सूची तैयार की थी। इस सूची को प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया था ताकि लोग अवैध कॉलोनियों में मकान या भूखंड खरीदने से बच सकें।

अब प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि इस सूची को नए सिरे से अपडेट कर अपलोड किया जाएगा। क्योंकि इस सूची में मौजूद कई कॉलोनियों के अवैध निर्माण को प्राधिकरण की तरफ से पूरी तरह हटवा दिया गया है। साथ ही अगर अन्य किसी स्थान पर कोई अवैध निर्माण या कॉलोनी विकसित हुई है तो उसे सूची में शामिल किया जाएगा। लोगों को सलाह दी जाएगी कि वह संपत्ति की खरीद से पहले उसके भू-उपयोग, स्वीकृत यूनिट और मौके पर जाकर खोजबीन जरूर कर लें।

बता दें कि आकाश नगर हादसे के बाद जीडीए ने लोगों को जागरूक करने को कदम उठाए थे, लेकिन लगवाए गए जागरूकता बोर्ड अब गायब हो चुके हैं। ऐसे में अब नए सिरे से प्राधिकरण इन्हें लगवाएगा।

यह हैं अवैध कॉलोनियां

गाजियाबाद की अवैध कॉलोनियो में- दुर्गा एंक्लेव, कैलाश पुरम-एक व दो, अक्षय एंक्लेव, कृष्ण एंक्लेव, रतन एंक्लेव, बालाजी एंक्लेव, कृष्णा गार्डन, राधा गार्डन, गोविंद विहार, गणेश वाटिका, सुधा सरोवर, न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी, राधे एंक्लेव, न्यू शताब्दीपुरम, केशव कुंज, गंगापुरम, विष्णु एंक्लेव, पांडव नगर, शिवपुरी, शंकरपुरी, पंचवटी एक्सटेंशन, न्यू कोटगांव, महेंद्र एंक्लेव, राहुल विहार, रोजी कॉलोनी, माता कॉलोनी, चौधरी चरण सिंह कॉलोनी, श्याम विहार, किशन विहार, सेन विहार, शांति विहार, ओम विहार, सुदामापुरी, भीम नगर, बुद्ध विहार, नसबंदी कॉलोनी, राहुल विहार, बागू कॉलोनी, शहीद प्यारेलाल कॉलोनी, इंद्रा कॉलोनी, ओम नगर, सत्यम व गिरधर एंक्लेव सहित अन्य कॉलोनिया शामिल हैं।  

अवैध निर्माण के खिलाफ लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसको लेकर नए सिरे से अवैध कॉलोनियों की सूची वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।” -संतोष कुमार राय, सचिव, जीडीए

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