टोक्यो ओलंपिक जाने वाली मेरठ की 13वीं भाला फेंक खिलाड़ी बनीं अन्नू रानी

मेरठ की बेटी अन्नू रानी को टोक्यो ओलम्पिक ( Tokyo Olympics ) जाने का टीकट मिलने के बाद से ही उनके परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. सभी अन्नू की सफलता के लिए दिल से प्रार्थना कर रहे हैं. अन्नु एक किसान की बेटी हैं और उनके पिता कहते हैं कि उनकी बेटी जरुर पदक लेकर लौटेगी और देश का मान बढ़ाएगी.

मेरठ के लोगों के लिए एक बड़ी अच्छी खबर सामने आई है. जी हां, मेरठ के गांव बहादुरपुर की रहने वाली एक और बेटी भाला फेंक चैंपियन अन्नू रानी टोक्यो ओलम्पिक ( Tokyo Olympics ) में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं. अन्नू रानी को वर्ल्ड एथलीट रैंकिंग सिस्टम के आधार पर टोक्यो ओलम्पिक के लिए चुना गया है. वहीं अन्ना रानी को भारत का नाम रोशन करने के लिए ओलम्पिक का टिकट मिलने के बाद से ही उनके गांव वालों के साथ-साथ उनके सभी परिजनों की खुशी का अंदाजा लगा पाना काफी मुश्किल है

सभी अन्नू रानी की समफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. अन्नू रानी का खेल का 12 साल का कॅरियर रहा है, जिसमें उन्होंने कई बार आर्थिक समस्याओं का सामना किया है और उसका डट कर सामना कर अपने लाजवाब प्रदर्शन की बदौलत आज वो ओलम्पिक का टिकट हासिल करने में कामयाब रहीं. हाल ही में अन्नू रानी ने 63.24 मीटर भाला फेंक कर नेशनल रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था. वो केवल .77 मीटर से ओलंपिक क्वालिफाई करने से चूक गई थीं, लेकिन वर्ल्ड रैंकिंग के आधार पर अन्नू रानी को ओलंपिक में शामिल होने का सुनहेरा मौका मिल ही गया. 

वहीं अगर अन्नू रानी के बारे में बात करें तो, वो एक किसान की बेटी हैं और उनके पिता उनकी इस खुशी में बराबर के हिस्सेदार हैं. साथ ही वो कहते हैं कि उनकी बेटी ओलम्पिक में जरुर पदक लेकर देश लौटेगी और देश का मान बढ़ाएगी. बता दें कि साल 2014 एशियाई गेम्स में कांस्य, साल 2014 कामनवेल्थ गेम्स में प्रतिभाग, साल 2015 में एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य औरा साल 2017 में एशियाई चैंपियनशिप में रजत, वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में जगह पक्की करने वाली पहली भारतीय बनीं, आठ बार की राष्ट्रीय रिकॉर्ड होल्डर एथलीट.

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