प्राइमरी स्कूल टीचरों के छुट्टी के नियम कड़े, अब नहीं होगा शिक्षकों का शोषण

सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की छुट्टी के नियम सख्त कर दिए गए है. एक जुलाई से शिक्षकों की छुट्टी नामंजूर करने के लिए स्पष्ट कारण देना होगा. बिना कारण छुटटी आवेदन को रोकने या नामंजूर करने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

लखनऊ. सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की छुट्टी को लेकर उन्हें शोषित न किया जा सके इसके लिए सरकार ने नियमों को कड़ा कर दिया है. छुट्टी मंजूर करने के लिए यदि किसी टीचर को अब कार्यालय बुलाया गया या फोन किया गया तो संबंधित ब्लॉक शिक्षा अधिकारी यानी बीईओ के खिलाफ विजलेंस जांच करवाई की जाएगी. इसके अलावा छुट्टी मंजूर करने की निर्धारित समयसीमा से एक दिन अधिक की भी देरी की गई तो इसे जिला या ब्लॉक स्तर से शिक्षकों का शोषण होना माना जाएगा.

नए नियम एक जुलाई से लागू हो जाएंगे. जिसके अनुसार टीचर की छुट्टी नामंजूर करने के लिए स्पष्ट कारण देना होगा. इसके साथ ही यदि अवकाश आवेदन को बिना किसी कारण रोका या नामंजूर किया गया तो बीएसए/बीईओ के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. नए नियमों को लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी बीएसए को निर्देश दे दिए हैं. उन्होंने कहा है कि हर अवकाश मंज करने की समयसारिणी निर्धारित है. इसके लिए संपदा पोर्टल को भी अपडेट किया गया है.

टीचरों से अवकाश संबंधी पूरी प्रक्रिया का आईवीआरएस के माध्यम से फीडबैक लिया जा रहा है. इस कारण सभी बीईओ को सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा यदि कोई शिक्षक बिना छुट्टी लिए स्कूल से अनुपस्थित हुआ तो ऐसी स्थिति में शिक्षक के ऊपर कार्रवाई की जाएगी. एक जुलाई से प्रेरणा इंस्पेक्शन मॉड्यूल एवं मानव संपदा लीव रिपोर्ट को लिंक करके भी देखा जाएगा कि कौन से टीचर बिना छुट्टी लिए स्कूल से गायब है.

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