जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक सिख युवती के अपहरण और जबरन धर्मांतरण कराकर निकाह कराने के मामले से लोगों में आक्रोश है। बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग श्रीनगर में सड़कों पर उतर आए और रविवार को प्रदर्शन किया। पुलिस का कहना है कि उसने 18 साल की युवती को छुड़ा लिया है और उसे किडनैप करने के आरोपी 29 साल के शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। लड़की को अब उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया है। श्रीनगर पुलिस के एसपी (नॉर्थ) मुबाशिर हुसैन ने कहा, ‘लड़की को बचाया गया और फिर कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद से उसे उसके परिवार को सौंप दिया गया है।’
सिख समुदाय के लोगों का आरोप है कि दो और लड़कियों का अपहरण किया गया था, लेकिन सिर्फ एक को ही अब तक छुड़ाया जा सका है। रविवार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के चेयरमैन मनजिंदर सिंह सिरसा श्रीनगर पहुंचे और समुदाय के लोगों के साथ आंदोलन में हिस्सा लिया। सिरसा ने कहा, ‘हम यहां बंदूक की नोक पर दो लड़कियों का अपहरण किए जाने के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं। उन लड़कियों का जबरन बुजुर्ग लोगों के साथ निकाह करा दिया गया। यहां तक कि उनके परिवार के लोगों को कोर्ट में एंट्री तक नहीं करे दिया गया। हम लोगों ने कोर्ट के बाहर आंदोलन किया है। उसके बाद ही एक लड़की को हमारे पास भेजा गया है। यह जबरन धर्मांतरण है।’
इस मामले में सिख समुदाय को होम मिनिस्टर अमित शाह की ओर से भी कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया है। मनजिंदर सिरसा ने कहा, ‘गृह मंत्री अमित शाह ने हमें घाटी में सिख लड़कियों की सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। ये लड़कियां जल्दी ही परिवारों में वापस लौट आएंगी। इसके अलावा सिख समुदाय के मुद्दों को लेकर बातचीत के लिए उन्होंने समय भी दिया है।’
सिख समुदाय ने की अंतर्धार्मिक विवाह को लेकर कानून की मांग
आंदोलनकारियों की मांग है कि जम्मू-कश्मीर में एक कानून बनना चाहिए, जिसके तहत अंतर्धार्मिक विवाह से पहले पेरेट्स की परमिशन लेना जरूरी होगा। सिरसा ने कहा, ‘मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कड़ा एक्शन ले। इसके अलावा हमारी स्थानीय और धामिक नेताओं से अपील है कि वे सिख लड़कियों के समर्थन में आगे आएं।’ सिखों के समूह ने राज्य के एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात कर मामले की शिकायत की है, जिन्होंने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में चल रही परिसीमन की प्रक्रिया में भी सिख समुदाय के लिए आरक्षण की मांग की गई है।