सत्य नडेला: इंजीनियर से माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन तक का सफर,जानें उनकी जिंदगी से जुड़े कई दिलचस्प किस्से

सत्य नडेला: इंजीनियर से माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन तक का सफर,जानें उनकी जिंदगी से जुड़े कई दिलचस्प किस्से

दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट ने भारतवंशी सीईओ सत्य नडेला को अध्यक्ष चुना है। नडेला (53), जॉन डब्ल्यू थॉमसन की जगह लेंगे, जो मुख्य स्वतंत्र निदेशक के रूप में आगे अपनी भूमिका निभाएंगे। माइक्रोसॉफ्ट ने बुधवार को घोषणा की कि बोर्ड के स्वतंत्र निदेशकों ने सर्वसम्मति से नडेला को बोर्ड के अध्यक्ष की भूमिका के लिए चुना। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस भूमिका में, नडेला बोर्ड के लिए एजेंडा तय करने के काम का नेतृत्व करेंगे।

माइक्रोसॉफ्ट के तीसरे चेयरमैन

नडेला कंपनी के तीसरे सीईओ हैं और कंपनी के इतिहास में तीसरे चेयरमैन होंगे। इससे पहले बिल गेट्स और थॉमसन कंपनी के चेयरमैन रह चुके हैं। नडेला 2014 में स्टीव बाल्मर के बाद माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ बने थे। सत्य को वर्ष 2019 में फाइनेंशियल टाइम्स पर्सन ऑफ द ईयर का खिताब दिया गया था। वहीं, वर्ष 2020 में इन्हें ग्लोबल इंडियन बिजनेस आइकन का सम्मान भी दिया जा चुका है। जब नडेला को माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ बनाया गया तो उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए बिल गेट्स फिर से माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ गए थे। नडेला ने क्लाउड कंप्यूटिंग, मोबाइल ऐप्लिकेशनंस और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर फोकस किया। साथ ही ऑफिस सॉफ्टवेयर फ्रेंचाइजी को आगे बढ़ाया।

इंजीनियर से चेयरमैन तक का सफर

नडेला लंबे समय से माइक्रोसॉफ्ट के साथ जुड़े हैं और वे साल 1992 में एक युवा इंजीनियर के तौर पर कंपनी से जुड़े थे। इसके बाद उन्होंने काफी प्रगति की और आज चेयरमैन के पद तक पहुंच गए हैं। 1992 में कंपनी से जुड़ने के बाद उन्हें 2000 में माइक्रोसॉफ्ट सेंट्रल का उपाध्यक्ष बनाया गया, उसके बाद वे माइक्रोसॉफ्ट बिजनेस सॉल्यूशन के कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष बने, इसके बाद उन्हें माइक्रोसॉफ्ट ऑनलाइन सर्विस का वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाया गया। उनकी सफलता का सिलसिला लगातार जारी रहा और फिर सत्य नडेला सर्वर एंड टूल्स डिवीजन के अध्यक्ष बने और उन्होंने कंपनी को काफी मुनाफा दिलाया।

हैदराबाद में हुई स्कूली शिक्षा

सत्य नडेला का जन्म भारत के हैदराबाद के अनंतपुर जिले में एक तेलुगू परिवार में साल 1967 में हुआ था। उनके पिता एक प्रशासनिक अधिकारी और मां संस्कृत विषय की प्रवक्ता थीं। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद पब्लिक स्कूल से करने के बाद साल 1988 में मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। इसके बाद वे कंप्यूटर साइंस में परास्नातक करने के लिए अमेरिका चले गए। अमेरिका में विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ साइंस और शिकागो यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। सत्य की शादी अनुपमा से 1992 में हुई, जो उनके पिता के दोस्त की बेटी थीं। दंपति बाद में तीन बच्चों के माता-पिता बने, जिसमें दो बेटियां और एक बेटा शामिल है।

शादी में बिन बुलाए पहुंचे थे प्रधानमंत्री

सत्य के पिता बीएन युगांधार तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के सचिव थे। उन्होंने राव को सत्य और अनुपमा की शादी का निमंत्रण नहीं दिया था, क्योंकि दोनों परिवार सादे समारोह में शादी करना चाहते थे। राव को पता चला तो वे अचानक शादी में पहुंच गए और नहीं बुलाने के लिए शिकायत भी की। सत्य के ससुर केआर वेणुगोपाल भी प्रशासनिक अधिकारी थे।

कितनी मिलती है सैलरी

सत्य नडेला की वार्षिक आय 2018-19 में 66 प्रतिशत बढ़कर 4.29 करोड़ डॉलर (304.59 करोड़ रुपये) पर पहुंच गई। वैसे उनकी सैलरी 23 लाख डॉलर (16.33 करोड़ रुपये) बताई जाती है, लेकिन उनकी सैलरी में शेयर का भी हिस्सा है। इस वजह से शेयरों पर 2.96 करोड़ डॉलर (210.16 करोड़ रुपये) की कमाई हुई, जबकि 1.07 करोड़ डॉलर (75.97 करोड़ रुपये) गैर-शेयर प्रोत्साहन योजना से प्राप्त हुए।

आठ साल के बच्चे ने जीता दिल

नडेला जून 2016 में भारत आए थे। इस दौरान मुंबई के आठ साल के मेदांश मेहता ने उनसे पूछा कि मैं माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ कैसे बन सकता हूं। मेदांश ने उन्हें अपना गेमिंग ऐप ‘लेट देयर बी लाइट’ भी दिखाया। उसने औद्योगिक विकास और कृषि क्षेत्र में संतुलन पर भी विचार रखे। इसे देख कर सत्य हैरान रह गए और कहा कि आपकी महत्वाकांक्षाएं माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ बनने से काफी ऊपर हैं।

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