दुनिया भर में आम की कई किस्में पाई जाती हैं, हर किस्म के आम का आकार, स्वाद और रंग अलग-अलग होता है। यहां तक की इनके मूल्य भी अलग अलग होते हैं। अब तक आपने वैसे तो कई तरह के आम की किस्म का स्वाद चखा होगा लेकिन जिस आम के बारे में आज हम आपसे चर्चा कर रहे हैं यह खास तरह का आम है जो भारत में सिर्फ एक ही स्थान पर मौजूद है। इस खास ‘मियाजाकी आम‘ को पिछले साल इंटरनेशल बाजार में 2.70 लाख रूपये प्रतिकिलोग्राम बेचा गया था।
खबर है कि मध्यप्रदेश के जबलपुर में रहने वाले एक दंपति ने ‘मियाजाकी आम’ की खेती की है। इस खास किस्म के आम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में दुनिया का सबसे मंहगा माना जाने वाला आम है। इसे लेकर दंपति रानी और संकल्प परिहार का कहना है कि उन्होनें कुछ साल पहले ही सिर्फ दो आम के पौधे लगाए थे। यह आम माणिक रंग का है, जो कि जापान का मशहूर मियाजाकी आम है। खास बात यह है कि पिछले साल इसे इंटरनेशनल बाजार में 2.70 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से बेचा गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये कपल एक ट्रेन से एक बार चैन्नई जा रहे थे, उसी समय ट्रेन में एक व्यक्ति ने उन्हें आम के दो पेड़ दिए थे। उस समय इस बात का बिलकुल भी अंदाजा नहीं था कि ये दुनिया का बेहद ही मशहूर आम है। जब उन्होनें मुझे ये पेड़ दिया था तो कहा था कि ‘‘इस पेड़ का आम अपने बच्चों की तरह ध्यान रखना’’। पौधा तो मैंने लगा दिया था लेकिन इसके कलर और इसके बढ़ने से मैं हैरान था। यह मणिक रंग का था और इस आम का असली नाम पता नहीं था इसलिए हमने इसका नाम दामिनी रख दिया। जब बाद में इस आम के बारे में पता लगाया तो असली नाम तो पता चल गया लेकिन आज भी यह मेरे लिए दामिनी ही है।दंपति ने बताया कि इस आम की खासियत अंतरराष्ट्रीय बाजार में है और लोकल मार्केट में इसे बेचने में काफी दिक्कत होती है। क्योंकि इतना ज्यादा दाम कोई देने के लिए तैयार नहीं होता था। इसके अलावा ये फल दिखने में इतना ज्यादा आकर्षक है कि इसे भले लोग खरीद न पाएं लेकिन चोरी कर ले जाते थे। इसलिए हमने आम के इन 2 पेड़ की सिक्योरिटी के लिए 4 गार्ड और 6 खूंखार डाॅग को हायर किया है। चलिए अब इस ‘मियाजाकी आम‘ की खासियत के बारे में बात करते हैं।दं पति ने बताया कि इस आम की खासियत अंतरराष्ट्रीय बाजार में है और लोकल मार्केट में इसे बेचने में काफी दिक्कत होती है। क्योंकि इतना ज्यादा दाम कोई देने के लिए तैयार नहीं होता था। इसके अलावा ये फल दिखने में इतना ज्यादा आकर्षक है कि इसे भले लोग खरीद न पाएं लेकिन चोरी कर ले जाते थे। इसलिए हमने आम के इन 2 पेड़ की सिक्योरिटी के लिए 4 गार्ड और 6 खूंखार डाॅग को हायर किया है। चलिए अब इस ‘मियाजाकी आम‘ की खासियत के बारे में बात करते हैं।मियाजाकी आम भले ही भारत में एक ही स्थान पर मिलते हों लेकिन देश के बाहर इसे व्यापक पैमाने पर उगाया जाता हैं यह आम एक तरह का ‘‘इरविन’’ है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में बहुत अधिक मात्रा में उगाए जाते हैं। मियाजाकी के आम पूरे जापान में भेजे जाते हैं, और ओकिनावा के बाद जापान में इनका उत्पादन मात्रा दूसरे स्थान पर है। इसे लेकर रेड प्रमोशन सेंटर ने कहा कि इन आमों में बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड होता है, जो आंखो की समस्या से परेशान होते हैं उनके लिए फायदेमंद है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है। मियाजाकी आम के बारे में तो आपने अब तक बहुत कुछ जान ही लिया है अब इसके उत्पादन के शुरूआत की अगर बात करें तो यह 70 के दशक के अंत और 80 के दशक की शुरूआत से इसका उत्पादन हो रहा है। भरपूर बारिश, गर्म मौसम और लंबे समय तक धूप ने मियाजाकी के किसानों को इस आम की खेती के लिए आसान रास्ता बना दिया है, इसलिए यह अब यहां कि प्रमुख उपज माना जाता है। इस आम को पूरे राष्ट्र में निर्यात करने से पहले जांच से गुजरना पड़ता है।