अब गाजियाबाद सहित इन 16 शहरों में गुटखा-तंबाकू बेचने को लेना होगा लाइसेंस

गाजियाबाद और मेरठ सहित उत्तर प्रदेश के 16 शहरों में अब बीड़ी, सिगरेट या तंबाकू जैसे उत्पादों को बेचने के लिए दुकानदारों को लाइसेंस लेना होगा। लखनऊ नगर निगम में यह व्ययवस्था पहले से लागू है। जल्द ही अलीगढ़, अयोध्या, आगरा, कानपुर, गोरखपुर, वृंदावन-मथुरा, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी, सहारनपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बरेली व शाहजहांपुर में इसे लागू किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे ने शासनादेश जारी कर दिया है।

उपविधि बनानी होगा : नगर विकास विभाग ने इसके लिए तंबाकू उत्पादन लाइसेंस शुल्क का निर्धारण, विनियमन और नियंत्रण एवं अनुज्ञप्ति शुल्क उपविधि-2021 का प्रारूप जारी कर दिया है। नगर निगमों को इसे बनाते हुए अपने यहां बोर्ड से पास कराना होगा। इसके बाद इसे लागू किया जाएगा।

नशे की प्रवृत्ति रुकेगी : नई व्यवस्था लागू होने के बाद दुकानदार 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सिगरेट व तंबाकू से बने उत्पाद नहीं बेच पाएंगे। इतना ही नहीं 18 साल से कम उम्र के बच्चों को इसे बेचने की अनुमति भी नहीं होगी।

पकड़े गए तो जुर्माना : लाइसेंस के बिना कामर्शियल मॉल, थोक बाजार, बिग बाजार, स्पेंसर्स, किराना दुकान, गुमटी आदि पर तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं होगी। बिना लाइसेंस के बिक्री करते हुए पाए जाने पर पहली बार 2000 रुपये जुर्माना व सामान जब्त कर लिया जाएगा।

मादक पदार्थों की बिक्री पर लगेगा अंकुश

गाजियाबाद जिले में सिगरेट और तंबाकू बेचने वाली 25 हजार से ज्यादा दुकानें अब लाइसेंस के दायर में होंगी। नई व्यवस्था से मादक पदार्थों की बिक्री पर अंकुश भी लगेगा। जनपद के व्यापारी संगठनों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। दवा विक्रेता समिति के महामंत्री प्रदीप राणा और कोषाध्यक्ष देवेंद्र राणा ने बताया कि जनपद में 25 हजार से ज्यादा खोखे, पटरी व दुकानें हैं, जहां बेखौफ पदार्थों की बिक्री की जाती है। इन्हें लाइसेंस के दायरे में लाना सही कदम है। राष्ट्रीय व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष संजय गोयल का कहना है कि अब लोग आसानी से खुले में इसकी बिक्री नहीं कर सकेंगे।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *