कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कई परिवार उजड़ गए हैं. कई परिवार तो ऐसे है जो एक दु:ख से उबरने की कोशिश करता है, लेकिन उससे पहले कोई दूसरा दु:ख सामने आ जाता है. मेरठ के एक परिवार का भी कुछ ऐसा ही दर्द है.
सीआरपीएफ में डीआइजी सुनील कुमार पार्थ(फाइल फोटो). फोटो साभार- सोशल मीडिया
मेरठ. कोरोना की दूसरी लहर ने कई परिवारों को अपनों को खोने का दर्द दिया है, उन्हीं में से एक परिवार मेरठ का है. मेरठ के कंकरखेड़ा में शिवलोकपुरी में रहने वाले सीआरपीएफ में डीआइजी सुनील कुमार पार्थ का कुछ दिन पहले कोरोना से निधन हो गया था. 10 दिन पहले उनकी मां का निधन हो गया था, लेकिन उन्हें कोरोना नहीं था. उन्हें लो ब्लडप्रेशर की समस्या थीं. मां और बेटे के निधन के बाद डीआइजी सुनील कुमार पार्थ का पूरा परिवार बिगर गया है. उनकी पत्नी और दो बेटियां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.
मूल रूप से हापुड़ के पास बाबूगढ़ के रहने वाले डीआइजी सुनील की पोस्टिंग वर्तमान में उड़ीसा के भुवनेश्वर में थी. जानकारी के अनुसार 20 अप्रैल को उन्हें बुखार आया, मगर कोई परेशानी नहीं होने के चलते उन्होंने घर पर ही इलाज शुरू किया. 25 अप्रैल को उन्होंने कोरोना जांच कराया तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसके बाद उन्हें भुवनेश्वर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस बीच 25 अप्रैल को उनकी माता का देहांत हो गया. कोरोना संक्रमित होने के चलते सुनील अपनी मां का अंतिम दर्शन नहीं कर पाए. कुछ दिन बाद सुनील की तबीयत अस्पताल में बिगड़ने लगी और अपनी मां के निधन के 10 दिन बाद उनका भी कोरोना से निधन हो गया.
सुनील ने मेरठ कॉलेज से ग्रेजुएशन और डीएन कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएशन किया था. यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर कुछ दिनों तक वह तैनात थे फिर कुछ समय बाद उन्होंने सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर ज्वाइन किया. पिछले दो सालों से वह भुवनेश्वर में तैनात थे. उन्होंने कुछ साल पहले छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ एक आपरेशन चलाया था.