कोरोना की संभावित तीसरी लहर में आठ महीने से लेकर 16 साल तक बच्चों के संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में यदि आप का बच्चा छोटा है और बोल कर अपनी तकलीफ बता पाने में असमर्थ है तो कुछ खास लक्षणों से आप उसके संक्रमित होने का अंदाज लगा सकते हैं। ऐसे 13 लक्षण हैं जिनसे बच्चे के संक्रमित होने की पहचान होती है।
आईएमएस बीएचयू के डॉ. राजेश जैन ने बताया कि ठीक से न बोल पाने वाले बच्चों में कोरोना का संक्रमण होने पर त्वचा में सूजन, लाल आंखें, मुंह में छाले, त्वचा के रंग में बदलाव हो सकते हैं। तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत, हल्की खांसी, थकान, पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, भोजन से अरुचि और स्वाद गायब हो जाना भी बच्चों के संक्रमित होने का इशारा करते हैं।
ऐसा न करें
डॉ. जैन ने बताया कि पॉजिटिव बच्चे को परिवार से दूर या अकेले रखना और किसी चीज को छूने से मना करने पर वह आवश्यकता से अधिक तनाव में आ सकता है। यह तनाव उसे कोरोना के साथ ही मानसिक बीमारी की ओर भी ले जा सकता है।
पहले से सतर्कता
संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि पहले से ही सतर्कता बरती जाए। बच्चों को कुनकुना पानी पीने की आदत डालें। कुछ देर तक सुबह की हल्की धूप में बैठाएं। अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है तो उसे प्राणायाम और डीप ब्रीथिंग कराएं। फेफड़ों की मजबूती के लिए उसे गुब्बारे फुलाने को दें। बच्चों को खट्टे फल, जूस और सब्जियों का सेवन पर्याप्त मात्रा में कराएं। इन उपायों से आप बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं। आप का बच्चा कोरोना के संभावित खतरों से बच सकता है।