70 हजार मजदूर पहुंचे घर, एक मई से चलाई रेलवे ने 76 श्रमिक ट्रेनें

भारतीय रेलवे ने कहा कि वह एक मई से अबतक 76 श्रमिक विशेष ट्रेनें चला चुका है, जिनमें करीब 70 हजार श्रमिक यात्रा कर चुके हैं। रेलवे ने अभी आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया है कि इन सेवाओं पर कितनी रकम खर्च हो रही है। सरकार का कहना है कि इसका 85 प्रतिशत खर्च केन्द्र सरकार जबकि 15 प्रतिशत खर्च राज्य सरकारें उठाएंगी। 

अधिकारियों ने हालांकि, संकेत दिए हैं कि मंगलवार सुबह तक चलाई गईं 67 ट्रेनों पर करीब 50 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। सूत्रों ने कहा कि रेलवे, प्रति श्रमिक विशेष ट्रेन सेवा पर लगभग 80 लाख रुपये खर्च कर रहा है। वहीं, श्रमिकों से रेलवे द्वारा कथित तौर पर भाड़ा लिए जाने की आलोचना होने के बीच सामने आया था कि अब तक चलाई गई स्पेशल ट्रेनों के लिए महाराष्ट्र , केरल और कर्नाटक को छोड़कर विभिन्न राज्य सरकारों ने भुगतान किया है। 

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने संवाददाता सम्मेलन में प्रवासी कामगारों के यात्री किराये का भुगतान करने की बात को खारिज कर दिया था। भाषा के सूत्रों ने बताया था कि राजस्थान, तेलंगाना और झारखंड जैसे राज्य श्रमिकों की यात्रा के लिए भुगतान कर रहे हैं। केवल एक ट्रेन झारखंड पहुंची हैं और उसने भी यात्रा का भुगतान किया है। गुजरात सरकार ने यात्रा पर आने वाले खर्च का एक हिस्सा देने के लिए एक एनजीओ को संबद्ध किया है।  उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक जैसे राज्य जहां से कुछ ट्रेनें चल रही हैं, वे यात्राओं के लिए प्रवासी श्रमिकों से पैसे ले रहे हैं।

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