यूपी में कोरोना मरीज के लिए लागू किए गए नए नियम

लखनऊ : 

उत्‍तर प्रदेश में कोविड मरीज़ भर्ती के नए नियम लागू किए गए हैं, इसके अंतर्गत राज्‍य में कोरोना के मरीज़ अब चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO)लेटर के बिना भी भर्ती हो सकेंगे. गौरतलब है कि इसके पहले कोरोना के मरीजों को कोविड कंट्रोल रूम के ज़रिए CMO ही अस्पताल अलॉट करता था. सीएमओ की इजाज़त के बिना कोई भी मरीज़ कहीं भर्ती नहीं हो सकता था. ऐसे में तीमारदार कई-कई दिन भटकते रहते थे और उन्‍हें CMO का लेटर नहीं मिल पाता था और बहुत बार मरीज़ की मौत भी हो जाती थी. यूपी की राजधानी लखनऊ में तो आम आदमी का सीएमओ से बात कर पाना इतना मुश्किल है कि योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक ने चीफ सेक्रेटरी को एक खत लिखकर शिकायत की थी कि सी एमओ उनका फ़ोन नहीं उठाते.

बहरहाल, सरकार ने अब इस नियम में कुछ छूट दी है. नए नियमों के मुताबिक…

(1) प्राइवेट अस्पताल कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट वाले 90 फीसदी मरीजों को सीएमओ की इजाज़त के बिना भर्ती कर सकेंगे.

(2) प्राइवेट अस्पतालों को 10 फीसदी बेड सरकार के कोविड कंट्रोल रूम से रेफेर किये गए मरीजों के लिए रखना होगा.

(3) सरकारी अस्पताल और निजी मेडिकल कॉलेजेस में 70 फीसदी बेड कोविड कमांड सेंटर से ही अलॉट होंगे.

(4) सरकारी अस्पताल और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज 30 फीसद कोविड मरीजों को इमरजेंसी होने पर खुद भर्ती कर सकते हैं.

(5) प्राइवेट अस्पतालों में सरकार के तय रेट से इलाज करना होगा. ज़्यादा चार्ज करने पर उनके खिलाफ महामारी अधिनियम में कार्रवाई होगी और प्राइवेट अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को सुबह 8 बजे और शाम 4 बजे हर तरह के बेड की उपलब्धता की रिपोर्ट नोटिस बोर्ड पर भी लगाना होगा और कोविड कमांड सेंटर के पोर्टल पर भी अपलोड करना होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *