जेल में अधीक्षक को छोड़ कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मोबाइल नहीं ले जा सकते। अधीक्षक भी मोबाइल अपनी जिम्मेदारी पर ले जाएंगे। इसके अलावा ड्यूटी के दौरान उपाधीक्षक, सहायक अधीक्षक समेत कोई भी पदाधिकारी और कर्मी अपना मोबाइल जेल के अंदर नहीं ले जाएंगे। यह सुनिश्चित करना अधीक्षक की जिम्मेवारी होगी। ऐसा करने में विफल होने पर उनपर कार्रवाई हो सकती है।
आईजी मिथिलेश मिश्र ने जारी किया आदेश
आईजी कारा एवं सुधार सेवाएं मिथिलेश मिश्र द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अक्सर ड्यूटी के दौरान उपाधीक्षक, सहायक अधीक्षक, लिपिक, चिकित्सा पदाधिकारी, पारा मेडिकल स्टॉफ, प्रोग्रामर और कम्प्यूटर ऑपरेटर मोबाइल फोन अपने साथ रखते हैं। यह कारा की सुरक्षा के लिए सही नहीं है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से इसपर रोक लगाने का आदेश दिया है।
वर्चुअल प्रोडक्शन के लिए इजाजत
कोरोना की वजह से विचाराधीन बंदियों की स्थानीय न्यायालय में वर्चुअल पेशी को सुनिश्चित कराने के लिए प्रोग्रामर, सहायक प्रोग्रामर या कम्प्यूटर ऑपरेटर जरूरत के मुताबिक मोबाइल फोन का प्रयोग जेल में कर सकते हैं। यह जेल अधीक्षक की अनुमति और देखरेख में हो सकता है। अधीक्षकों को देना होगा प्रमाण पत्र
कैदियों के न्यायालय में वर्चुअल प्रोडक्शन के काम के अलावा किसी भी पदाधिकारी और कर्मचारी द्वारा जेल के अंदर न तो मोबाइल फोन का प्रयोग हो रहा नहीं कोई फोन लेकर आ रहा, इसका प्रमाण-पत्र सभी अधीक्षकों को देना होगा। इसके बावजूद यदि निरीक्षण के दौरान जेल में कोई भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते पाया गया तो संबंधित अधीक्षक जिम्मेवार होंगे। वहीं अधीक्षक, व्यक्तिगत जिम्मेवारी पर कार्यालय कक्ष में अपना मोबाइल फोन साथ ले जा सकते हैं।