यूपी में बढ़ते कोरोना केस को कंट्रोल करने के लिए योगी सरकार की नई प्लानिंग

दूसरे राज्यों की तरह यूपी में भी कोरोना के तेजी से बढ़ते केसों के मद्देनजर सरकार ने प्रदेश में टीकाकरण अभियान को और तेज करने का निर्णय किया है। इसके तहत जहां अभी टीके लगाए जा रहे हैं (इनमें शहरी और ग्रामीण दोनों केन्द्र शामिल हैं) उन केन्द्रों की टीकाकरण की क्षमता में वृद्धि की जाएगी। प्रदेश के हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटरों और नए निजी अस्पतालों को इस अभियान में शामिल किया जाएगा और जिन निजी अस्पतालों में टीके लगाए जा रहे हैं उनकी क्षमता वृद्धि की जाएगी। इससे वर्तमान टीकाकरण की तुलना में करीब-करीब दोगुना टीकाकरण होने लगेगा। 

सरकार ने पहली अप्रैल से शुरू होने जा रहे 45 साल व उससे ऊपर के आयु वर्ग के अधिक से अधिक लोगों को शीघ्र टीकाकरण कराने के लिए ही यह रणनीति तैयार की है। जानकारों का कहना है कि इस नई रणनीति के माध्यम से सरकार को भरोसा है कि वह एक दिन में छह लाख से अधिक लोगों को टीके लगवाने में सफल होगी।   

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद का कहना है कि 45 साल व उससे ऊपर के सभी सामान्य लोगों को टीके लगाने का कार्य पहली अप्रैल से शुरू हो जाएगा। नए आयु वर्ग का एक बड़ा वर्ग अभियान में शामिल होने से अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण और अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। उन्होंने बताया कि दिनांक 01 अप्रैल से 45 से 60 वर्ष के आयु के सभी लोग कोविड वैक्सीनेशन के लिए पात्र होंगे, यह शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो में दोनों जगह लागू होगा। उन्होंने बताया कि इसमें किसी प्रकार की बीमारी के सर्टिफिकेट दिखाने की आवश्यकता नहीं है। 

अब तक कुल 43,93,802 लोग टीके की पहली डोज ले चुके हैं। 10,09,111 व्यक्तियों ने टीके की दूसरी डोज भी लगायी जा चुकी है। अब तक कुल 54,01,913 कोविड वैक्सीनेशन का टीकाकरण किया गया है। अपर मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि टीकाकरण कराने से लोग सुरक्षित हो जाते हैं परन्तु कहीं-कहीं पर यह देखने में आया है कि टीकाकरण के बाद भी कुछ लोगों संक्रमित हो गए हैं। ऐसे में अगर संक्रमित हो भी जाते हैं तो गंभीर समस्या नहीं होगी, इसलिए टीकाकरण कराना अत्यंत आवश्यक है। 

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