परमबीर सिंह के लेटर बम में महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल

एंटीलिया केस- सचिन वाझे मामले को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है। हाल में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने जो दावे किए वो और भी चौंकाने वाले हैं। इसको लेकर पूर्व सांसद संजय निरुपम ने कांग्रेस से अपना रुख साफ करने को कहा है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अगर जो भी परमबीर सिंह ने कहा वह सच है तो सवाल माननीय शरद पवार जी से पूछा जाना चाहिए क्योंकि वह वर्तमान महाराष्ट्र सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। कांग्रेस को इस मुद्दे पर एक स्टैंड लेना चाहिए

गौरतलब है, कि एंटीलिया मामले में बवाल के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करने के लिए कहा था। सीएम ठाकरे को लिखी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने आरोप लगाए हैं कि अनिल देशमुख ने सचिन वाझे से प्रत्येक महीने बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों से 100 करोड़ रुपए की उगाही करने के लिए कहा था।

परमबीर सिंह के आरोप पर अनिल देशमुख ने कहा, ‘एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन केस में सचिन वाझे के सीधे लिंक सामने आ रहे हैं। परमबीर सिंह को डर है कि इसके कनेक्शन उसके पास पहुंच जाएंगे। उन्होंने कानूनी कार्रवाई से खुद को बचाने और बचाने के लिए ये झूठे आरोप लगाए हैं।’ 

पूर्व पुलिस कमिश्नर के सनसनीखेज आरोप के बाद बीजेपी महाराष्ट्र सरकार पर हमलावर हो गई है। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख वसूली का धंधा करते थे। सचिन वाझे उनका वसूली एजेंट था। बीयर बार से लेकर हर जगह से वसूली का काम करते थे। गृह मंत्री अनिल देशमुख को तुरंत हटा देना चाहिए।

वहीं, बीजेपी के एक अन्य नेता राम कदम ने कहा कि 16 महीने से महाराष्ट्र में ठाकरे की सरकार है, जिस वजह से 1600 करोड़ रुपये हो गए। कई जिले और कई शहर हैं, वहां से भी कई करोड़ रुपये के लिए कहा गया होगा। पुलिस डिपार्टमेंट एक डिपार्टमेंट है। उसी प्रकार 22 विभाग हैं तो क्या हर मंत्री ने अपने विभागों को वसूली करने के आदेश दिए हैं। सरकार जनता की रक्षा के लिए होती है, लेकिन तीन दलों की सरकार ने जनता का शोषण करने को कहा। इतना घिनौना काम कभी भी नहीं हुआ। अगर थोड़ी भी शर्म बची है तो जिम्मेदार मंत्री तुरंत इस्तीफा दे दें।
 

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