उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन तय होने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भाजपा के नेतृत्व वाली विभिन्न राज्यों की राज्य सरकारों को भी संदेश दे दिया है। जल्द ही सभी सरकारों के कामकाज का आकलन हो सकता है। उत्तराखंड के साथ जिन दो और राज्यों में असंतोष उभरता रहा है, उनमें कर्नाटक प्रमुख है। हरियाणा में भी स्थिति ठीक नहीं है।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में से लगभग साल भर पहले भाजपा नेतृत्व में मुख्यमंत्री बदलने का फैसला कर साफ कर दिया है कि वह आने वाले चुनाव में पूरी तैयारी के साथ जाएगी और किसी तरह के असंतोष को सहन नहीं करेगी।
सूत्रों के अनुसार, त्रिवेंद्र रावत को लेकर बीते एक साल से विधायकों व मंत्रियों में असंतोष की खबरें आ रही थीं। शिकायतें दिल्ली तक पहुंची थी। उत्तराखंड में परिवर्तन तय होने के साथ ही हरियाणा और कर्नाटक की राज्य सरकारों को भी संकेत दे दिया गया है कि अगर वहां पर सब कुछ ठीक नहीं चला तो केंद्रीय नेतृत्व कड़े कदम उठा सकता है।
कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ कई बार आवाज उठ चुकी है। हरियाणा में किसान आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर सवाल खड़े हो रहे हैं। गौरतलब है कि इसके पहले झारखंड में भाजपा ने तत्कालीन रघुवर दास सरकार के खिलाफ असंतोष को नजरअंदाज किया था, जिसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में पराजय का सामना कर चुकाना पड़ा था। अब पार्टी इस तरह की कोई स्थिति सामने नहीं आने देना चाहती है।